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पाकुड़: जर्जर सड़कें खोल रही विकास की पोल, माननीय-अफसर कर रहे परेशानी दूर करने का दावा

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Published : Sep 14, 2020, 7:21 PM IST

सरकार की ओर से क्षेत्र के विकास के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की जर्जर सड़कें विकास की पोल खोल रही हैं. लिहाजा वाहन मालिकों, चालकों और राहगीरों को रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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पाकुड़: बदलाव की बयार और सपना दिखाकर सरकार बनाने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी की गठबंधन सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण ही नहीं बल्कि एक राज्य से दूसरे राज्य और जिलों को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों का भी हाल बेहाल है. ऐसा इसलिए हुआ है कि राज्य में 8 महीने से चल रही सरकार ने कोई कमाल नहीं किया है. लिहाजा वाहन मालिकों, चालकों और राहगीरों को रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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ग्रामीण सड़कों की बदहाली की वजह से सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं का भी सही तरीके से अनुश्रवण और निगरानी नहीं हो पा रहा है. नतीजतन धरातल पर योजनाओं का क्या हाल है, लाभुकों को इसका कितना लाभ मिला है प्रशासनिक अधिकारी भौतिक रूप से नहीं जान पा रहे हैं. अलबत्ता अधिकारियों को नीचे से आई प्रोग्रेस रिपोर्ट से ही भरोसा करना पड़ रहा है. सड़कों की बदहाली की वजह से ग्रामीण इलाकों के लोगों को सरकार की योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ नहीं मिल पा रहा, जैसा कि लोग बताते हैं.

मुख्यमंत्री के बयान से जगी थी विकास की आस

हाल में ही मुख्यमंत्री के इस बयान पर कि अब विकास राज्य में दौड़ेगा पर लोगों में थोड़ी सी आश जरूर जगी है. लेकिन शत प्रतिशत इस दावे पर विश्वास नहीं किया जा रहा है. क्योंकि 8 महीने की हेमंत सोरेन के शासनकाल में बड़ी योजनाएं बंद पड़ी है, कोषागार से काम कराने वाले संवेदक को किए गए काम के बदले भुगतान नहीं हो रहा और ऐसी परिस्थिति में ग्रामीण सड़कों की बदहाली न केवल जनता बल्कि प्रशासन को भी परेशान कर रहा है. प्रशासन को इसलिए परेशानी हो रही है की बदहाल सड़कों को दुरुस्त कराने के लिए लोग फरियाद लगाने पहुंच रहे हैं पर अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कर सकते क्योंकि बजटीय प्रावधान और स्वीकृति तो सरकार के स्तर से मिली है. सड़कों की स्थिति में बदलाव नहीं होने को लेकर सबसे ज्यादा वादाखिलाफी और लापरवाही का आरोप जिले के जेएमएम कोटे से दो, कांग्रेस के एक विधायक सहित जेएमएम सांसद पर लगा रहे हैं.

कई इलाकों की सड़कें बेहाल

यदि सरकार ने ख्याल रखा होता और पावर का इस्तेमाल किया होता तो जिले की इन प्रमुख सड़क जैसे दुर्गापुर, मोहनपुर भाया गोपालपुर, इशाकपुर मालगोदाम, मोहनपुर डांगापारा, धरमपुर सीमलोंग, पाकुड़ चांदपुर, मालपहाड़ी प्यादापुर बाईपास रोड, बहिरग्राम झिकरहट्टी, सिलकुट्टी महेशपुर भाया चंद्रपुरा, पीडब्ल्यूडी मुख्य सड़क से देवीनगर, चापतुरा शिवरामपुर होते हुए खापुर, जगदीशपुर बाबुदाहा, रोलग्राम हाथीमारा, पाकुड़िया के ग्वालपाड़ा से जामसोल समेत कई सड़कों का हाल बेहाल नहीं होता.

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सांसद ने दिया दुरुस्त कराने का आश्वासन

जिले के ग्रामीण और मुख्य सड़कों का हाल बेहाल रहने को लेकर स्थानीय जेएमएम सांसद विजय हांसदा का कहना है कि पाकुड़ जिले की मुख्य सड़कें नेशनल हाईवे में चला गया है और इन सड़कों पर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए था. सड़कों की जर्जर स्थिति को लेकर कई बार केंद्र सरकार को पत्राचार किया गया पर इस ओर केंद्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया. सांसद ने कहा जहां तक ग्रामीण और अन्य सड़कें खराब हैं उस पर हेमंत सरकार का ध्यान है और जल्द इसे दुरुस्त कराने का काम किया जाएगा.

डीसी ने दिलाया जल्द मरमत्ती का भरोसा

डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के सर के तीन हिस्सों में बंटती है. सड़कों की जर्जर स्थिति को लेकर आरईओ, पीडब्ल्यूडी और नेशनल हाईवे की स्थिति का जायजा लेने का निर्देश संबंधित विभाग के अभियंताओं को दिया गया है. डीसी ने कहा कि खराब सड़कों का जायजा लेने के बाद एस्टीमेट बनाकर विभाग से अनुमोदन लेने का भी निर्देश संबंधित अभियंताओं को दिया गया है. उन्होंने बताया कि दिशा की बैठक में भी खराब सड़कों लेकर चर्चा की गई थी. डीसी ने कहा कि जल्द खराब सड़कों को दुरुस्त कराने का काम कराया जाएगा.

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