लोहरदगाः जिले के भंडरा प्रखंड के उदरंगी गांव में पपीते की खेती में समृद्धि की राह दिखाई है. जिससे किसान मालामाल हो रहे हैं. विशेषकर ग्रामीण महिलाएं आज पपीता की खेती कर न सिर्फ आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही हैं, बल्कि उन्हें खेती का सही अर्थ भी अब समझ में आ गया है. यहां की महिलाओं और किसानों ने परंपरागत कृषि से अलग एक ऐसा रास्ता चुना जो उनके लिए किसी एटीएम से कम नहीं है. पपीते को बाजार में ले जाएं तभी बिक्री हो जाती है. हाथ में नगदी आ गई तो जरूरतें भी पूरी हो जाती है.
महिलाओं को दिए गए थे निशुल्क पौधे
जेटीडीएस संस्था के सहयोग से 2 साल पहले यहां के किसानों को पपीते के पौधे उपलब्ध कराये गये थे. निशुल्क रूप से मिले इस पौधे को किसानों ने अपने घर के आस-पास बेकार पड़ी जमीन में लगा दिया. 2 साल के भीतर ही पपीते के पौधे तैयार हो गए. या कहें कि पिछले 6 महीने से फल भी देने लगे हैं. ग्रामीणों को इसकी कीमत तब समझ में आई जब पपीता को लेकर बाजार बिक्री के लिए पहुंचे तो वहां हाथों-हाथ पपीतों की बिक्री हो गई.
किसानों को मिल रही मोटी रकम
व्यापारियों को पता चला कि भंडरा प्रखंड के उदरंगी गांव में 5 एकड़ क्षेत्र में पपीते की खेती की गई है तो व्यापारी गांव ही सीधे पहुंचने लगे. थोक में पपीता को खरीदकर ले जाते हैं. जिससे मोटी रकम किसानों को मिलती है. जिससे ग्रामीण महिलाएं काफी खुश हैं कि अब उन्हें खेत में न तो कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और न ही अपने उत्पादों को बेचने के लिए पसीना बहाना पड़ता है, लेकिन बिक्री हो जाती है और तुरंत ही फायदा भी नजर आ जाता है.