झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

लोहरदगाः प्रदूषण की भेंट चढ़ता जल स्रोत, कभी बिना फिल्टर के होता था इस पानी का इस्तेमाल

लोहरदगा के प्राकृतिक जल स्रोत साफ निर्झर, जो बिना किसी फिल्टर प्रक्रिया से लोगों की प्यास बुझाती थी. आज वही नदी-तालाब का पानी इस्तेमाल के लायक नहीं रहा. बढ़ती आबादी नदी-तालाब में डाला जाने वाला कचरा पानी को दूषित कर दिया है. आलम ये है कि गुजरते वक्त से साथ इनकी स्थिति और खराब होती जा रही है.

water-sources-are-getting-contaminated-in-lohardaga
प्रदूषण की भेंट चढ़ता जल स्त्रोत

By

Published : Mar 6, 2021, 10:21 AM IST

Updated : Mar 6, 2021, 3:17 PM IST

लोहरदगा: जिला की प्राकृतिक और कृत्रिम जल स्रोत नहर, तालाब और नदियां कभी लोगों की प्यास बुझाती थी. इनका पानी इतना स्वच्छ था कि लोग बिना किसी फिल्ट्रेशन के सीधे तौर पर पीने के लिए इसका पानी उपयोग में लाते थे. शहर के अलावे गांव तक लोगों को इसका लाभ मिलता था. आज नहर, तालाब, जल स्रोत की सफाई नहीं हो पाने की वजह से इनका पानी उपयोग लायक नहीं रह गया है. गंदगी भर जाने की वजह से पानी का बहाव कम हो चुका है.

देखें स्पेशल खबर

इसे भी पढ़ें- लोहरदगा में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को मिली सफलता, विस्फोटक बरामद

नंदिनी नहर का हाल हुआ बेहाल
जिला के भंडरा और कैरो के सीमावर्ती नंदिनी नहर की बदहाल हालत लोगों को परेशान करती है. लगभग 22 किलोमीटर लंबी इस नहर का पानी दो दशक पहले तक लोग सीधे तौर पर घरेलू उपयोग में लाते थे. सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी के रूप में भी इसका इस्तेमाल होता था. आज नहर की हालत बेहद खराब है, नहर में गंदगी भरी पड़ी है, मिट्टी जम गया है. इस नहर में कचरा डालने की वजह से इसका पानी उपयोग के लायक नहीं रहा है. पानी में कीड़ा लग चुका है, लोग सिंचाई के लिए भी इसका पानी उपयोग करना नहीं चाहते हैं. सैकड़ों एकड़ क्षेत्र में फैले नंदिनी डैम से होकर निकलने वाली नहर को ना सिर्फ भंडरा बल्कि कुड़ू तक के लोगों को काफी ज्यादा फायदा मिलता था.

बदहाल विक्टोरिया टैंक और ठकुराइन तालाब
शहरी क्षेत्र के विक्टोरिया टैंक और ठकुराइन तालाब की भी स्थिति बेहद खराब है. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान कैदियों को सजा के तौर पर विक्टोरिया टैंक का निर्माण शहरी क्षेत्र में कराया गया था. इसका पानी इतना स्वच्छ था कि लोग घरेलू उपयोग में इसका पानी सीधे तौर पर उपयोग में लाते थे. कहा जाता है कि महिलाएं दाल गलाने के लिए इसके पानी का उपयोग करती थी. इसी प्रकार की स्थिति ठकुराइन तालाब की भी है. यहां का पानी भी मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता था. यहां पर रहने वाले आसपास के लोग इसका पानी घरेलू उपयोग के लिए करते थे. आज इसकी बदहाल स्थिति स्थानीय लोगों को पानी की समस्या से रूबरू करा रही है. दोनों की स्थिति बेहद खराब है. स्थानीय लोगों की ओर से गंदगी डाले जाने की वजह से इसका उपयोग सही तरीके से नहीं हो पाता है.

नहर और विक्टोरिया टैंक की हालत से लोग परेशान

नंदनी नहर और विक्टोरिया टैंक की स्थिति लोगों को चिंतित करती है. इसका पानी बेहद प्रदूषित हो चुका है. नंदनी नहर की मरम्मत और साफ-सफाई को लेकर कभी पहल ही नहीं हुई. विक्टोरिया टैंक की साफ-सफाई को लेकर करोड़ों रुपए फूंके गए, फिर भी स्थिति आज जस की तस है. स्थानीय लोगों के लिए इनकी बदहाली पानी की समस्या को गंभीर बना रही है. प्रशासन साफ-सफाई के नाम पर खर्च तो करता है, पर परिणाम निकल कर कुछ भी नहीं आता है. स्थानीय लोग भी इस मामले में लापरवाह हैं. घर, होटल और दूसरे स्थानों से निकलने वाला गंदा पानी नाहर और विक्टोरिया टैंक में डाल दिया जाता है. जिसकी वजह से लोग इसका पानी का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. नंदनी नहर के पानी में कीड़ा पनप चुका है. लोग इसके पानी का उपयोग करना ही नहीं चाहते.

इसे भी पढ़ें- नक्सलियों के खिलाफ जंग में लोगों से मदद की अपील, एसपी ने कहा- आईईडी बम पर किसी का नाम लिखा नहीं होता


लोहरदगा में जल स्रोत नहर नदी-तालाब की बदहाल स्थिति लोगों को परेशान करती है. स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासन की अनदेखी ने जल स्रोत को बदहाल कर दिया है. कभी इनका पानी सीधे तौर पर बिना किसी फिल्टरेशन के उपयोग में लाया जाता था. आज इनका पानी उपयोग के लायक नहीं रह गया है.

Last Updated : Mar 6, 2021, 3:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details