लोहरदगा: स्वास्थ्य के लिए पॉलिथीन बेहद खतरनाक माना जाता है. सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि मवेशियों और मिट्टी के लिए भी पॉलिथीन जहर से कम नहीं है. जिसके कारण पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उसके बाद भी पॉलिथीन की बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है. लोहरदगा में भी धड़ल्ले से पॉलिथीन की बिक्री और उपयोग हो रहा है. जगह-जगह कचरे के ढेर में सिर्फ और सिर्फ पॉलिथीन नजर आता है. नियमित रूप से जांच अभियान नहीं चलाया जाने की वजह से पॉलिथीन की बिक्री पर रोक नहीं लग पा रहा.
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लोहरदगा शहर में हर दिन कई क्विंटल पॉलिथीन की बिक्री और उपयोग हो रहा है. शहर में कई दुकानों में खुले तौर पर थोक मात्रा में पॉलिथीन की बिक्री की जाती है. दुकानों में पॉलिथीन के माध्यम से सामान की बिक्री होती है. खाद्य सामग्री भी पॉलिथीन में देकर बेचने की आदत दुकानदारों की नहीं छूट रही है. यही कारण है कि हर दिन कई क्विंटल पॉलीथीन का कचरा शहर से निकल रहा है. नगर परिषद के एक अनुमान के मुताबिक शहर से हर दिन कम से कम 10 टन कचरा निकलता है. जिसमें दो से ढाई टन कचरा सिर्फ पॉलिथीन का हो रहा है. ज्यादातर पॉलिथीन शहर के व्यवसायिक क्षेत्रों से निकलता है.
इंसान और मवेशी दोनों के लिए खतरनाक है पॉलिथीन
प्रतिबंधित पॉलिथीन के उपयोग से इंसान और मवेशी दोनों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. पॉलिथीन के कचरे में भोजन तलाशते मवेशियों के लिए यह जानलेवा साबित हो रहा है. इंसानों के लिए पॉलिथीन के माध्यम से एक जहर उनके शरीर के अंदर जा रहा है. लगातार चेतावनी, निर्देशों और जागरूकता अभियान के बावजूद पॉलिथीन का उपयोग नहीं रुक रहा है. लोगों के पास पॉलिथीन का विकल्प भी उपलब्ध नहीं है.