लोहरदगा: जिले में कोरोना वायरस की जांच के लिए अब सैंपल रांची भेजने की जरूरत नहीं होगी. लोहरदगा में ही ट्रू-नेट मशीन के माध्यम से कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच की जाएगी. इसके लिए लोहरदगा स्वास्थ्य विभाग को ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध कराया गया है. सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार ने इसका शुभारंभ किया है. सीएस का कहना है कि डेढ़ घंटे में अब चार संदिग्ध लोगों की जांच हो सकेगी.
लोहरदगा में अब डेढ़ घंटे में 4 कोरोना संदिग्धों के सैंपल की होगी जांच, सदर अस्पताल में लगाया गया ट्रू-नेट मशीन - लोहरदगा में ट्रू-नेट मशीन
लोहरदगा में कोरोना संदिग्ध मरीजों की सैंपल जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध कराया गया है. जिले के सदर अस्पातल में सिविल सर्जन ने इसका बटना दबाकर शुभारंभ किया. सदर अस्पताल को ट्रू-नेट मशीन के अलावा 300 जांच कीट भी उपलब्ध कराया गया है.
![लोहरदगा में अब डेढ़ घंटे में 4 कोरोना संदिग्धों के सैंपल की होगी जांच, सदर अस्पताल में लगाया गया ट्रू-नेट मशीन Truenet machine installed in Sadar Hospital lohardaga](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7480303-thumbnail-3x2-ss.jpg)
300 जांच कीट हुए उपलब्ध
कोरोना वायरस संक्रमण की जांच अब सदर अस्पताल लोहरदगा में भी होगी. इसके लिए सदर अस्पताल को ट्रू-नेट मशीन और 300 जांच कीट उपलब्ध कराया गया है. सदर अस्पातल में सिविल सर्जन डा. विजय कुमार ने ट्रू-नेट मशीन का बटन दबाकर शुभारंभ किया. सीएस ने कहा कि पहले सभी कोरोना संदिग्धों का स्वाब जांच के लिए रांची भेजा जाता था, जिसमें रिपोर्ट आने में कई दिन का समय लगता था, साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन वार्ड में प्रति दिन संख्या भी बढ़ती जा रही थी. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में जांच शुरू हो जाने से कोरोना जांच रिपोर्ट का दवाब भी कम होगा और परिणाम भी जल्द प्राप्त हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि ट्रू-नेट मशीन से डेढ़ घंटे में चार मरीजों की जांच की जा सकती है, इसका लाभ गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक होगा, जिससे समय रहते उनका इलाज शुरू करने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि अभी स्वास्थ्य विभाग को 300 कीट उपलब्ध कराए गए हैं, मशीन में जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनका स्वाब रांची रिम्स भेज कर क्रॉस चेक कराया जाएगा.
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कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच को लेकर अब लोहरदगा स्वास्थ्य विभाग को ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध कराया गया है. इस मशीन की सहायता से डेढ़ घंटे में चार संदिग्ध लोगों के सैंपल की जांच हो सकेगी. इससे स्वास्थ्य विभाग पर जांच रिपोर्ट को लेकर दबाव कम होगा.