लोहरदगा: जिले का पेशरार प्रखंड 25 सालों तक नक्सलवाद से प्रभावित रहा, लेकिन लगभग 2 साल पहले यहां से नक्सलवाद समाप्त हो चुका है, जिसके बाद से यहां पर प्रकृति का दीदार करने के पर्यटकों की भीड़ जुटने लगी थी. लोहरदगा के पेशरार की प्राकृतिक वादियों में किलकारियां गूंजती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण विरानगी छाई हुई है. लॉकडाउन की वजह से पर्यटकों का यहां पर आना बंद है, जिससे पर्यटनस्थल से जुड़े लोगों का व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है. हालांकि, हाल के दिनों से यहां कुछ पर्यटक पहुंचने लगे हैं.
लोहरदगा: पेशरार के हसीन वादियों का दीदार करने कभी पहुंचते थे हजारों पर्यटक, आज छाई है विरानगी
लोहरदगा के पेशरार प्रखंड में हर साल हजारों पर्यटक पहुंचते थे, लेकिन इस साल लॉकडाउन के कारण यहां पर्यटकों का आना बंद है, जिससे यहां के लोगों का रोजगार भी ठप पड़ा हुआ है. झरना, नदियां, पहाड़ियां और हरे-भरे जंगल पेशरार प्रखंड की पहचान हैं, जिसका दीदार करने यहां पर्यटक पहुंचते थे.
नहीं पहुंच रहे पर्यटक
प्रकृति की सुंदरता के लिए प्रसिद्ध लोहरदगा जिले का पेशरार प्रखंड लॉकडाउन के कारण वीरान पड़ा हुआ है. कभी पर्यटकों से गुलजार रहने वाला पेशरार प्रखंड आज खामोश है. गिने-चुने लोग ही कभी यहां पर पहुंचकर वादियों में शोर करने की कोशिश करते हैं.