झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

लोहरदगा के पर्यटन स्थलों का किया गया वर्गीकरण, विकास को मिलेगी गति: DC - लोहरदगा के पर्यटन स्थलों का होगा विकास

लोहरदगा के विभिन्न पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों का विकास किया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण बैठक करते हुए निर्णय लिया है. पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों के विकास को लेकर उन्हें 4 वर्गों में विभाजित किया गया है.

tourist places will developed in lohardaga
बैठक करते उपायुक्त

By

Published : Mar 31, 2021, 7:40 AM IST

लोहरदगा: जिले के ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों का जिला प्रशासन ने वर्गीकरण किया है. इसे लेकर उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने लोहरदगा में अधिकारियों के साथ जिला पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक की. जिसमें पर्यटन स्थलों का वर्गीकरण करते हुए उनके विकास का खाका तैयार किया गया. पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है. जिसमें अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्यस्तर और स्थानीयस्तर के पर्यटन और ऐतिहासिक स्थल के रूप में चिन्हित होंगे.

ये भी पढ़ें-22 दिनों से आंदोलनरत हैं झारखंड के होमगार्ड जवान, बातचीत तक करने नहीं पहुंचे सरकार के नुमाइंदे

चार श्रेणियों में वर्गीकृत
उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने जिला पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक की है. इसमें योजनाओं का चयन पर्यटन स्थल के संचालन, रखरखाव, जिला मुख्यालय में पर्यटन केंद्र स्थापना सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई है. बैठक में विभिन्न पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, प्रसिद्ध स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से उन्हें चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है. जिसकी सहमति समिति की ओर से सर्वसम्मति से ली गई है. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्तरीय स्थलों को ए श्रेणी, राष्ट्रीय श्रेणी के स्थानों को बी श्रेणी, राज्य स्तर के स्थलों को सी श्रेणी और स्थानीय स्तर के स्थलों को डी श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है.

विकसित करने का लिया निर्णय

प्रमुख रूप से केकरांग जलप्रपात, कोराम्बे विष्णुपद मंदिर, जामा मस्जिद, बाबा दुखन शाह मजार, दामोदर नदी का उद्गम स्थल चूल्हा पानी, नामुदाग 27 नंबर रेलवे ब्रिज, तान पहाड़ी, बाबा अखिलेश्वर धाम, हलधर गिरधर शहीद स्थल टीको, नंदनी जलाशय, भक्सो शिव मंदिर, शहीद पांडे गणपत राय स्मारक स्थल, पझरी पहाड़ और सेन्हा महादेव मंडा को शामिल किया गया है. इसके अलावा बक्सीडीपा स्थित संरक्षित वन क्षेत्र को नगर वन के रूप में चिन्हित और विकसित किए जाने का निर्णय लिया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details