लोहरदगा:सदर अस्पताल पिछले सात महीने से शहरी क्षेत्र के कॉलेज रोड स्थित संत उर्सुला अस्पताल में संचालित हो रहा था. इसके बदले स्वास्थ्य विभाग को बिजली खर्च सहित अन्य खर्च के लिए संत उर्सुला अस्पताल को हर महीने लगभग एक लाख 45 हजार रुपये देना पड़ रहा था. साथ ही मरीजों को काफी परेशानी भी हो रही थी. अब जल्द ही मरीजों को इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा. सदर अस्पताल भवन में कोविड-19 अस्पताल का दाग मिट जाएगा, फिर से पुराने भवन में सदर अस्पताल संचालित होगा.
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां हुईं पूरीसदर अस्पताल का संचालन कोविड-19 के शुरुआती दौर के समय से ही संत उर्सुला अस्पताल में हो रहा था. इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से संत उर्सुला अस्पताल का अधिग्रहण किया गया था. बिजली खर्च सहित अन्य खर्च के लिए संत उर्सुला अस्पताल को पैसे स्वास्थ्य विभाग को देने पड़ रहे थे.
साथ ही मरीजों को परेशानी भी हो रही थी. अब कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति नियंत्रित हुई तो फिर एक बार सदर अस्पताल अपने पुराने भवन में संचालित किए जाने को लेकर तैयार हो रहा है. सदर अस्पताल को फिलहाल कोविड-19 अस्पताल के रूप में उपयोग में लाया जा रहा था. आम मरीजों की जांच और देखरेख यहां पर नहीं हो रही थी, जो लोग यहां पर सदर अस्पताल के नाम पर पहुंचते थे, उन्हें फिर यहां से संत उर्सुला अस्पताल में संचालित सदर अस्पताल में ले जाना पड़ता था.
इसे भी पढ़ें-धनबाद: पुरूष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किया जा रहा जागरूक
पुराने भवन में होगा संचालित
इससे मरीजों को काफी ज्यादा परेशानी भी होती थी. तमाम परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने वापस सदर अस्पताल को उसके पुराने भवन में संचालित करने का फैसला लिया है. इसके लिए रंग-रोगन, साफ-सफाई सहित तमाम उपायों को पूरा कर लिया गया है. अगले दस दिनों में अस्पताल वापस अपने पुराने भवन में संचालित होगा.
इससे शहरी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ सुविधाओं के लिए भटकने की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा. सदर अस्पताल के निजी अस्पताल भवन में संचालित होने से अल्ट्रासाउंड, नेत्र जांच, शिशु रोग विभाग, संस्थागत प्रसव सहित अन्य स्थितियों में अंकुश लग गया था. पुराने भवन में सदर अस्पताल में फिर से संचालित होने से स्वास्थ्य विभाग इन तमाम सुविधाओं को फिर से शुरू कर पाएगा.