लोहरदगा:झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के निर्देश पर कांग्रेस के कार्यालय प्रभारी और कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की ओर से जारी एक चिट्ठी को लेकर अब सियासत गरमाने लगी है. इस मामले को लेकर पहले ही कांग्रेस के नेताओं के बीच चर्चा चल रही है, वहीं दूसरी ओर अब प्रदेश अध्यक्ष ने भी ये कहकर सियासत को हवा दे दी है कि यह उनका अंदरूनी मामला है. ईटीवी भारत के सवाल पर मंत्री ने जो जवाब दिया, उसके बाद मामला और भी ज्यादा गरमाने की उम्मीद है.
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चिट्ठी और बिजली के निजीकरण पर दो टूक कह गए मंत्री
कांग्रेसी नेताओं के देश से बाहर जाने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर जारी चिट्ठी को लेकर खुद प्रदेश अध्यक्ष का बयान कई सवालों को जन्म दे रहा है. ईटीवी भारत ने जब मंत्री से पूछा कि आखिर चिट्ठी की वजह क्या है, चिट्ठी की वजह से कांग्रेस के नेता नाराज हैं. उनके बीच चर्चा चल रही है. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने लोहरदगा में कहा कि यह उनका अंदरूनी मामला है. इस मामले में वो पब्लिक के बीच कुछ भी नहीं कहेंगे. पहले से ही पार्टी नेताओं की नाराजगी झेल रहे प्रदेश अध्यक्ष के लिए राह मुश्किल हो सकती है. इधर, शराब के बाद बिजली के निजीकरण के मुद्दे पर मंत्री ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ये सवाल बिहार के लिए है, यहां इस सवाल का कोई मतलब ही नहीं है. मंत्री ने विपक्षी दलों की ओर से बिजली का निजीकरण किए जाने के बाद गुणवत्ता में कमी आने के आरोप पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.
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क्या है चिट्ठी विवाद
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के निर्देश पर कार्यालय प्रभारी और कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई है. चिट्ठी में कहा गया है कि आउटरीच सर्वे अभियान जारी है. ऐसे में बहुत जरूरी हो तभी नेता अपने क्षेत्र को छोड़कर दूसरी जगह जाएं और जाने से पहले इसकी सूचना दें. इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के इस निर्देश को उनके अज्ञात डर से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस में अंदरखाने चर्चा की जा रही है कि JPCC अध्यक्ष को किसी बात का डर सता रहा है. इसी वजह से प्रदेश अध्यक्ष नेताओं को दिल्ली जाने से रोकना चाहते हैं.
डॉ. रामेश्वर उरांव के बयान पर मच सकती है खलबली
कांग्रेस के बीच जारी खींचतान और बयानबाजी को लेकर डॉ. रामेश्वर उरांव के बयान ने और भी राजनीतिक हवा दे दी है. कांग्रेसी नेताओं के प्रदेश छोड़कर जाने की मनाही को लेकर डॉ. रामेश्वर उरांव ने जो बयान दिया है, वह बयान निश्चित रूप से कांग्रेस के अंदर हलचल मचा देगा. बिजली निजीकरण के मुद्दे पर भी मंत्री का बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है.