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लोहरदगा में होते-होते रह गया 'बाल विवाह', सजग प्रशासन ने बचाई दो नाबालिगों की जिंदगी - Child marriage stopped due to administration awerness

लोहरदगा जिले के सदर थाना क्षेत्र से सोमवार को 17 वर्षीय किशोर की बारात कुडू थाना क्षेत्र के एक गांव में पहुंची थी. जहां 16 साल की किशोरी के साथ उक्त नाबालिग का विवाह होनी थी. इसकी जानकारी लोहरदगा उपायुक्त आकांक्षा रंजन को हुई, त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और शादी को बीच में ही रोक दिया. साथ ही परिजनों को लिखित बांड भी दिया गया है.

Police stops child marriage in Lohardaga
कुडू थाना

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Published : Mar 2, 2020, 9:48 PM IST

लोहरदगा: जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की वजह से सोमवार को एक बाल विवाह रुक गया. जिले के सदर थाना क्षेत्र से एक बारात कुडू थाना क्षेत्र में पहुंची थी, जहां विवाह संपन्न ही होने वाला था, इसी बीच जिला प्रशासन को मामले की जानकारी हो गई. जिसके बाद पुलिस मौके पहुंंची और तत्काल कार्रवाई करते हुए बाल विवाह को रोक दिया.

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17 साल का दूल्हा और 16 साल की थी दुल्हन

लोहरदगा जिले के सदर थाना क्षेत्र से सोमवार को 17 वर्षिय किशोर की बारात कुडू थाना क्षेत्र के एक गांव में पहुंची थी. जहां 16 साल की किशोरी के साथ उक्त नाबालिग का विवाह होनी थी. इसकी जानकारी लोहरदगा उपायुक्त आकांक्षा रंजन को हुई, त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई. डीसी के आदेश के बाद बाल संरक्षण पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, कुडू थाना पुलिस और कुडू प्रखंड पदाधिकारी कार्रवाई में जुट गए. बाल संरक्षण की टीम जब लोहरदगा सदर थाना क्षेत्र में दूल्हे के गांव में पहुंची तो वहां से बारात निकल चुकी थी. इसके बाद प्रशासनिक टीम तत्काल कुडू पहुंची. जहां विवाह संपन्न ही होने वाला था, कि जिला प्रशासन की टीम ने विवाह को बीच में ही रोक दिया.

दो नाबालिगों की जिंदगी बर्बाद होने से बच गई

जिला प्रशासन की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई से दो नाबालिगों का जीवन बर्बाद होने से बच गया. नाबालिक किशोर और किशोरी की शादी बस संपन्न होने ही वाली थी, तभी प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शादी को रोक दिया. इस संबंध में बाल संरक्षण पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि स्थानीय पुलिस प्रशासन की सक्रियता से तत्काल विवाह को रोका गया. साथ ही दोनों के परिजनों को भी समझाया-बुझाया गया है. दोनों के परिजनों ने कुडू प्रखंड प्रशासन को लिखित रूप से यह भरोसा दिलाया कि वे दोनों के बालिग होने तक विवाह नहीं करेंगे. उन्हें कानून के बारे में जानकारी नहीं थी. इस बारे में अच्छी तरह से समझ चुके हैं और जब तक दोनों बालिग नहीं हो जाते हैं, तब तक दोनों की शादी नहीं कराई जाएगी. इसके बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. पुलिस ने इसको लेकर परिजनों से लिखित बांड भी दिया है.

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