लोहरदगाः जिला में शहरी क्षेत्र के नदिया हिंदू उच्च विद्यालय का नाम बदलकर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस किए जाने का लोहरदगा में विरोध शुरू हो गया है. लोहरदगा के अलग-अलग संगठनों ने विद्यालय का नाम बदले जाने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है. जहां भारतीय जनता पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रही है. वहीं दूसरे संगठन भी आंदोलन की राह पर हैं. जानिए कि आखिर स्कूल का नाम क्यों बदला गया है और इसे लेकर लोगों में आक्रोश क्यों है.
आखिर इस स्कूल का नाम बदलने को लेकर क्यों हो रहा विरोध, जानिए क्या कह रहे हैं लोग
लोहरदगा शहर के प्रतिष्ठित नदिया हिंदू उच्च विद्यालय का नाम परिवर्तित कर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस किए जाने को लेकर जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है. हिंदू धार्मिक संगठनों के अलावा सामाजिक संगठनों ने भी इसका विरोध किया है.
वर्ष 1931 में स्थापित हुआ है यह विद्यालयः देश की आजादी से पहले वर्ष 1931 में नदिया हिंदू से विद्यालय की स्थापना की गई थी. जाने-माने समाजसेवी घनश्याम दास बिरला ने इस शर्त पर स्कूल के लिए जमीन उपलब्ध कराई थी कि इस विद्यालय का नाम नदिया हिंदू उच्च विद्यालय होगा. बाद में इस विद्यालय का अधिग्रहण सरकार की ओर से किया गया. अब राज्य सरकार ने पूरे राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालय का नाम परिवर्तित कर दिया है. जिसमें लोहरदगा के नदिया हिंदू उच्च विद्यालय का नाम भी परिवर्तित कर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस कर दिया गया है.
इसी बात को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों का कहना है कि सरकार ने जन भावना के साथ खिलवाड़ करते हुए नदिया हिंदू विद्यालय का नाम परिवर्तित कर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस करने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है, लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. भारतीय जनता पार्टी ने सड़क पर उतर कर आंदोलन किया और पुतला दहन किया है. जबकि दूसरे हिंदू धार्मिक संगठन भी आंदोलन की राह पर हैं. लोगों का कहना है कि जब तक सरकार वापस स्कूल के नाम को पहले की तरह अधिसूचित नहीं करती है, तब तक उनका आंदोलन बंद नहीं होगा. उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में स्कूल के इतिहास और उसके नाम के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्कूल का नाम बदले जाने को लेकर जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है. लोग काफी आक्रोशित दिखाई दे रहे हैं.