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लोहरदगा में पंचायत चुनाव में रिश्वत का मामलाः निर्वाची पदाधिकारी पर मुखिया पद की प्रत्याशी का आरोप - Jharkhand latest news

लोहरदगा में पंचायत चुनाव में रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. किस्को प्रखंड के पाखर पंचायत से मुखिया पद की प्रत्याशी मनीता नागेशिया ने निर्वाची पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि रिश्वत ना देने पर मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. इसके वो न्याय की गुहार लगा रही हैं.

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लोहरदगा

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Published : May 10, 2022, 4:05 PM IST

लोहरदगा: पंचायत चुनाव के तहत पहले चरण में मतदान अभी हुआ नहीं है. पंचायत चुनाव को लेकर अभी प्रक्रिया ही चल रही है. लोहरदगा में पहले चरण के तहत 14 मई को चुनाव होना है. इन सबके बीच विवाद भी गहराने लगा है. लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड के पाखर पंचायत से मुखिया पद की प्रत्याशी मनीता नागेशिया ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि पैसा नहीं देने की वजह से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है.


न्याय की गुहारः लोहरदगा में पंचायत चुनाव में रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. पैसा ना देने पर प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया है. मुखिया प्रत्याशी मनीता नगेसिया अपना नामांकन रद्द किए जाने को लेकर न्याय की फरियाद लगा रही हैं. राज्यपाल से लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त और जिला निर्वाचन पदाधिकारी को भी आवेदन दे चुकी हैं. उनका कहना है कि उन्हें निर्वाची पदाधिकारी द्वारा 21 अप्रैल 2022 को चेक लिस्ट में सभी कागजात सही पाए जाने की बात कही गयी थी. जबकि 25 अप्रैल को स्क्रूटनी के दिन नामांकन रद्द कर दिया गया.

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मनीता का कहना है कि नामांकन में कोई त्रुटि थी तो चेक लिस्ट में दर्जकर जमा करने का समय दिया जाना चाहिए था. लेकिन सुधार के लिए अंचल पदाधिकारी के करीबी बिचौलियों द्वारा उनके पति से 2 से 3 लाख रुपये की मांग की गयी. साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटर से मिलने को कहा गया. प्रत्याशी का सीधा आरोप है कि पैसा नहीं देने की वजह से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया. उनकी विपक्षी एक राजनीतिक दल के नेता की पत्नी का सहयोग गलत तरीके से किया गया है. वह पिछले 7 साल से मुखिया थी, इससे पहले उनके पति मुखिया थे, इस बार भी उनकी जीत पक्की थी. लेकिन किस्को अंचल पदाधिकारी और उनके बिचौलियों ने जानबूझकर उनका नामांकन पत्र ही रद्द कर दिया.


मुखिया प्रत्याशी ने नामांकन पत्र रद्द किए जाने को लेकर निर्वाची पदाधिकारी पर आरोप लगाए हैं. पैसा नहीं दिए जाने की वजह से नामांकन रद्द करने की बात कही गई है. प्रत्याशी ने पूरे मामले को लेकर जांच और न्याय की फरियाद लगाई है. वह सरकारी दफ्तरों और पदाधिकारियों से मिलकर न्याय की मांग कर रही हैं.

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