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आम पैदावार की उम्मीदों पर फिरा पानी, किसान निराश

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Published : Apr 10, 2020, 11:55 AM IST

लोहरदगा में हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से आम की फसल बर्बाद हो गई है. इससे किसान काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि इस बार बारिश और ओलावृष्टि की वजह से आम के मंजर पूरी तरह से झड़ गए. जिसकी वजह से आम की पैदावार न के बराबर होगी.

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आम की फसल बर्बाद

लोहरदगा: जिले में हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से आम की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. किसान इस बात को लेकर निराश हैं कि गर्मी में उनकी आय का एक जरिया इस बार खत्म हो गया. प्रकृति ने उनके साथ नाइंसाफी किया है. अन्य फसलों के साथ-साथ आम की फसल को भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है.

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आम में आए थे मंजर, बारिश में उम्मीदों पर फेर दिया पानी
लोहरदगा में आम की दो तरह की पैदावार होती है. एक तो पहाड़ी इलाकों में बीजू आम या साधारण आम की पैदावार होती है. जिसे स्थानीय तौर पर खूब पसंद किया जाता है. इस आम की मांग ऐसी है कि बाजार में पहुंचते ही लूट मच जाती है. स्थानीय निवासियों के लिए बीजू आम की बिक्री अगले तीन-चार महीनों के लिए रोजगार का जरिया होता है. इस बार बारिश और ओलावृष्टि की वजह से आम के मंजर पूरी तरह से झड़ गए. जिसकी वजह से आम की पैदावार न के बराबर होगी.

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भारी नुकसान

वहीं, आम की दूसरी फसल वह है जिसे किसानों ने लगाया है. किसानों ने अपने-अपने खेतों में बागवानी को भी जगह दी है. आम के पौधे विभिन्न संगठन और सरकार की मदद से लगाए गए थे. इनके माध्यम से किसानों को हर साल लाखों रुपए का आर्थिक मुनाफा होता था. इस साल प्रकृति ने ऐसा दगा दिया कि आम की पैदावार पूरी तरह से बर्बाद हो गई. किसान आम के पौधे देखकर निराश हो रहे हैं. ठीक पौधों में जब आम छोटे-छोटे फल लगने को आए तो बारिश और ओलावृष्टि की वजह से सारा मंजर ही झड़ गया.

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किसान काफी निराश

आम की फसल बर्बाद होने से किसान काफी निराश हैं. बारिश और ओलावृष्टि की वजह से लोहरदगा में आम के अलावे इमली, गेहूं, सब्जी की फसल भी काफी ज्यादा बर्बाद हुई है. लोहरदगा और आसपास के क्षेत्रों में हर साल इमली की पैदावार भी काफी ज्यादा महत्व रखती है. इमली बेचकर ही सैकड़ों परिवार अपना गुजारा करते हैं. इस बार बारिश और ओलावृष्टि की वजह से इमली की फसल भी बर्बाद हो गई. ऐसे में किसानों के लिए निराशा की घड़ी है.

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