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लोहरदगा के अखिलेश करते हैं अलग अंदाज में फूलों की खेती, राज्य समेत राष्ट्रीय स्तर पर मिल रही है पहचान

लोहरदगा के प्रगतिशील किसान अखिलेश सिंह(Akhilesh Singh) अलग अंदाज में खेती करने के लिए जाने जाते हैं. उन्हें अत्याधुनिक कृषि तकनीक सीखने के लिए इजरायल जाने का भी मौका मिल चुका है. अखिलेश को अत्याधुनिक खेती के लिए कई बार सम्मान भी मिल चुका है.

lohardaga's farmer akhilesh cultivate flowers in a different way
लोहरदगा के किसान अखिलेश कुछ यूं करते हैं फूलों की खेती, परंपरागत खेती से है बिल्कुल अलग

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Published : Jul 15, 2021, 6:16 PM IST

लोहरदगा:झारखंड में अमूमन धान, गेहूं, मक्का, दाल और सब्जियों की खेती होती है. इनके अलावा कुछ ऐसे भी किसान हैं, जो परंपरागत खेती से अलग खेती करते हुए अपनी एक अलग पहचान भी बना रहे हैं. इनकी अलग खेती ही इन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दे रही है. लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड के चंदलासो गांव रहने वाले किसान अखिलेश सिंह कुछ ऐसी ही अलग खेती के कारण जाने जाते हैं. खेती को लेकर उनका जुनून ही उन्हें अलग पहचान देता है. उन्हें अत्याधुनिक कृषि तकनीक सीखने के लिए इजरायल जाने का भी मौका मिला था.


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कुडू प्रखंड के चंदलासो गांव रहने वाले किसान अखिलेश सिंह की जिंदगी में फूल मुस्कुरा रहे हैं. परंपरागत खेती से अलग फूलों की खेती करने वाले किसान अखिलेश सिंह की पहचान सिर्फ लोहरदगा जिले में नहीं है, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी एक अलग पहचान रखते हैं. फूलों की खेती के अलावा दलहन की खेती के लिए भी यह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं. फूलों की खेती को लेकर इनका जुनून ऐसा है कि यह अलग-अलग प्रकार के फूलों की खेती करके ही उसे जीविकोपार्जन का मुख्य जरिया बना चुके हैं.

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कई प्रकार के फूलों की करते हैं खेतीकिसान अखिलेश सिंह कई प्रकार के फूलों की खेती करते हैं. इनके कई अलग-अलग ग्रीनहाउस हैं. इसके अलावा खेतों में भी फूलों की खेती करते हैं. मुख्य रूप से जरबेरा, गेंदा, ग्लेडियोलस, सूरजमुखी जैसे फूलों की खेती करते हैं. इन फूलों की बाजार में अच्छी कीमत भी मिल जाती है. अखिलेश सिंह ने फूलों की खेती को ही अपने जीवन की आय का मुख्य जरिया बनाया है. सालों भर यह लाखों रुपए के फूलों की बिक्री करते हैं. हर साल तीन से चार लाख रुपये सिर्फ फूलों की खेती से कमाई कर लेते हैं. विवाह लग्न और दूसरे विशेष अवसरों में अखिलेश सिंह अच्छे खासे फूलों की बिक्री करते हैं.
अत्याधुनिक खेती के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भी मिला सम्मान


कई बार हो चुके हैं सम्मानित
बता दें कि अत्याधुनिक और अलग प्रकार की खेती के लिए अखिलेश सिंह कई बार सम्मानित हो चुके हैं. इन्हें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी सम्मानित करने का काम किया था. इसके अलावा राज्य स्तर और जिला स्तर पर भी इन्हें सम्मान मिला है. यह खेती के लिए हमेशा से ही सक्रिय रहे हैं. दलहन की खेती के मामले में भी इन्हें सम्मानित किया गया था. इजराइल में अत्याधुनिक कृषि तकनीक के प्रशिक्षण का अवसर भी इन्हें प्राप्त हुआ था. जहां पर हाइड्रोपोनिक सिस्टम की ओर से पौधों को विकसित करने का प्रशिक्षण इन्हें मिला था.

अखिलेश के खेत में फूल


राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में भी सजावट में लगे इनके खेतों के फूल
अखिलेश सिंह के उत्पादित फूलों की डिमांड राज्य के अलग-अलग जिलों में है. पहले कोलकाता के माध्यम से झारखंड में फूल पहुंचते थे. अब झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में फूलों की खेती शुरू हुई तो स्थानीय तौर पर किसानों को काफी मुनाफा होने लगा. रांची में भी उत्पादित फूलों की डिमांड काफी अधिक है. झारखंड के नए राज्यपाल रमेश बैस के दसवें राज्यपाल के रूप में शपथ लेने के कार्यक्रम में भी अखिलेश सिंह के खेत में तैयार हुए फूलों से सजाया गया था. यहां पर अखिलेश सिंह ने 500 फूल जरबेरा और गेंदा के भेजे थे.

फूल की खेत में अखिलेश


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लोहरदगा के कुडू प्रखंड के चंदलासो गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान अखिलेश सिंह फूलों की खेती करते हैं. मुख्य रूप से सजावट के फूलों की डिमांड काफी अधिक है. अखिलेश पिछले कई सालों से फूलों की खेती करते आ रहे हैं. हर साल लाखों रुपए की आमदनी भी फूलों की खेती के माध्यम से होती है. इनका मानना है कि फूलों की खेती जीवन में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा लेकर आती है.

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