लोहरदगा: जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे बड़ी इकाई सदर अस्पताल दलालों की गिरफ्त में है. दिन हो या रात निजी अस्पतालों के एजेंट सदर अस्पताल में घूमते रहते हैं. भोले-भाले ग्रामीणों, मजबूर मरीज के परिजनों को अपना निशाना बनाते हैं. निशुल्क और त्वरित इलाज की आस लगाकर सदर अस्पताल आने वाले मरीज और उनके परिजनों को अपने झांसे में लेकर सदर अस्पताल से ले जाकर निजी अस्पताल में भर्ती करा देते हैं और उनसे हजारों रुपए वसूलते हैं. इसको लेकर कहीं ना कहीं इसमें स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी पूरे मामले पर निगाह बनाए हुए हैं. दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है.
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डराते, बरगलाते हैं और फिर अपने झांसे में ले लेते हैं
कोई भी मरीज जब सदर अस्पताल में पहुंचता है तो उस पर सबसे पहली नजर निजी अस्पतालों के एजेंट की पड़ती है. निजी अस्पतालों के एंबुलेंस सदर अस्पताल के बाहर तैनात रहते हैं. एजेंट किसी मरीज के परिजन के रूप में सदर अस्पताल में भटकते रहते हैं. जैसे ही कोई मरीज पहुंचता है, उसे सदर अस्पताल में खराब इलाज व्यवस्था के नाम पर डराया जाता है. इसके बावजूद अगर कोई परिजन अपने मरीज को अस्पताल में भर्ती करा देता है, तब फिर सदर अस्पताल में ही स्वास्थ्यकर्मी के नाम पर घूम रहे निजी अस्पतालों के एजेंट, उन्हें बेहतर इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले जाने के लिए दबाव देते हैं.