लोहरदगा: हाई स्कूलों में एकमात्र वाणिज्य के शिक्षक, विद्यार्थियों को कई विषय पढ़ाने की जिम्मेदारी और लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों को होने वाली परेशानी ने एक साधारण शिक्षक को सॉफ्टवेयर डेवलपर बना दिया. कुडू प्रखंड के माराडीह उच्च विद्यालय के शिक्षक डॉ. राहुल कुमार ने अपने साथी शिक्षकों के साथ मिलकर एक लर्निंग एप बनाया है.
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जानिए लर्निंग ऐप की खासियत
इस लर्निंग ऐप के माध्यम से विद्यार्थी नि:शुल्क रूप से ऑनलाइन कक्षाओं का ऑफलाइन इस्तेमाल कर पाते हैं. जब मौका मिला, एप के माध्यम से संबंधित विषय की पढ़ाई कर ली. इन तमाम फायदों की वजह से विद्यार्थियों को काफी लाभ हो रहा है. यह एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है.
कई कक्षाओं के लिए उपलब्ध है लर्निंग मटेरियल
लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड के माराडीह उच्च विद्यालय के शिक्षक डॉ. राहुल कुमार ने अपने साथी शिक्षकों के साथ मिलकर विगत वर्ष easycom नाम का लर्निंग एप बनाया. ऑनलाइन रूप से जानकारी प्राप्त कर राहुल कुमार और उनकी टीम ने इस एप को डेवलप किया. इस ऐप में 8वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के विशेष रूप से वाणिज्य से संबंधित कक्षाओं के वीडियो उपलब्ध हैं. इस कक्षा का उपयोग विद्यार्थी ऑफलाइन रूप से कर पाते हैं. इसके पीछे कारण है कि ऐप डेवलप करने वाले शिक्षकों ने आपस में मिलकर ही इसका निर्माण किया.
ऐप में कई शिक्षकों ने उपलब्ध कराए कंटेंट
रांची जिला स्कूल की शिक्षिका कविता महतो ने कॉमर्स विषय के लिए विद्यार्थियों के लिए बिजनेस स्टडीज, वहीं शिवनारायण कन्या पाठशाला रांची की शिक्षिका स्वाति कुमारी ने बिजनेस स्टडीज और अकाउंट विषय के कंटेंट बनाने में मदद की है. इसके अलावा देवघर के राजेश नारायण राय ने कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए कॉमर्स पाठ्यक्रम तैयार किया है. वहीं बोकारो के शिक्षक संतोष कुमार ने अंग्रेजी विषय के लिए लर्निंग मेटीरियल उपलब्ध कराए हैं. दुमका के दीपक कुमार ने इकोनॉमिक, कोडरमा के राजू प्रजापति और लोहरदगा के मुकेश कुमार ने अकाउंट्स और अन्य पाठ्यक्रम से जुड़े लर्निंग मेटीरियल उपलब्ध कराए हैं.
विद्यार्थियों के लिए लर्निंग ऐप
विद्यार्थियों की परेशानी देखकर बनाया ऐप
राहुल कुमार एक अनुभवी और शिक्षा के प्रति समर्पित शिक्षक हैं. डॉक्टर राहुल कुमार ने ऑनलाइन एंड्रॉयड लर्निंग ऐप का निर्माण कर विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई का रास्ता सहज कर दिया है. यह एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. फिलहाल इस एप को लेकर कोई प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण अब तक इस एप को 400 से ज्यादा विद्यार्थियों ने डाउनलोड किया है. यह नि:शुल्क है और विद्यार्थियों के लिए काफी सुविधाजनक है. राहुल कुमार ने विद्यार्थियों की परेशानियों को देखते हुए इस एप का निर्माण किया था.
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झारखंड शिक्षा परियोजना में विशेषज्ञ शिक्षक के रूप में काम कर चुके राहुल कुमार ने जब देखा कि विद्यार्थियों को लर्निंग मटेरियल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो उन्होंने एप का निर्माण करने की ठानी थी. इसके लिए अपने अनुभव, इंटरनेट में उपलब्ध संसाधन और विद्यार्थियों और शिक्षकों के सहयोग से इस ऐप का निर्माण कर डाला. एप को बनाने में लगभग 4 महीने का समय लगा था. लोहरदगा के एक सरकारी शिक्षक ने विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री रोचक तरीके से उपलब्ध कराने को लेकर एक एप का निर्माण किया है. इस एप का निर्माण करने को लेकर उन्होंने किसी एप डेवलपर का सहयोग नहीं लिया. बल्कि इंटरनेट में उपलब्ध संसाधन, अपने अनुभव और विद्यार्थी और शिक्षकों के सहयोग से एप का निर्माण किया.