लोहरदगा: जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में लीची की पैदावार खूब होती है. बताया जा रहा है कि यहां बेहतर क्वालिटी की लीची होती है. बताया जा रहा है कि यहां की लीची अब दूसरे जिलों में भेजी जाती है. इसका श्रेय सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के किसानों को जाता है. यहां के किसानों ने सबसे पहले लीची की खेती की शुरुआत की थी. लीची की खेती किसानों के जीवन में मिठास ला रही है. किसानों के लिए आर्थिक उन्नति का माध्यम भी बन गया है.
SPECIAL: दूर-दूर तक फैल रही लोहरदगा के लीची की मिठास, किसान की आर्थिक स्थिति में भी हो रहा सुधार
लोहरदगा के लीची का स्वाद अब राज्य के अलग-अलग जिलों के लोग ले रहे हैं. यहां पैदा होने वाला लीची उच्च गुणवत्ता वाला माना जाता है. यहां से व्यापारी लीची खरीद कर दूसरे जिलों में ले जाकर बेचते हैं. हाल के वर्षों में लीची की पैदावार में काफी बढ़ोतरी हुई है. नई बागवानी योजनाओं के माध्यम से भी लीची के पौधे लगाए जा रहे हैं.
जिले के सेन्हा सदर प्रखंड, कुडू प्रखंड, किस्को प्रखंड क्षेत्रों में लीची की पैदावार खूब होती है. सेन्हा प्रखंड के चितरी, बदला के गांव में कई एकड़ में लीची के पौधे लगे हुए हैं. हर साल किसान लाखों रुपए लीची बेचकर कमाते हैं. सात-आठ साल पहले जब लीची को लेकर पौधारोपण कार्य प्रारंभ हुआ था, तो किसानों को लगा कि पता नहीं बाजार में इसकी कीमत मिल भी पाएगी या नहीं. खरीदार कैसे आएंगे, लीची की बिक्री कैसे होगी और उन्हें साल में कितना मुनाफा होगा. कहीं वह जमीन बर्बाद तो नहीं कर रहे, परंतु कुछ ही वर्षों में किसानों को इसका फायदा नजर आने लगा