लोहरदगा: जिले में उप विकास आयुक्त और कार्यपालक अभियंता के बीच विवाद गहराता जा रहा है. विवाद उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा के द्वारा भवन प्रमंडल कार्यालय के निरीक्षण के बाद शुरू हुआ. निरीक्षण से भड़के कार्यपालक अभियंता ने उप विकास आयुक्त पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है.
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कैसे शुरू हुआ विवाद
दरअसल उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने कुछ दिनों पहले ये निर्देश जारी किया था कि कोई भी कर्मचारी और अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेगा. उपायुक्त के आदेश के बावजूद भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता जितेंद्र प्रसाद के लगातार अपने कार्यालय से गायब रहने की शिकायत मिल रही थी. शिकायतों के बीच उप विकास आयुक्त सह अपर समाहर्ता अखौरी शशांक सिन्हा ने भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कार्यपालक अभियंता जितेंद्र प्रसाद और तीन कनीय अभियंता कार्यालय से गायब मिले. यही नहीं उप विकास आयुक्त के निरीक्षण में विगत एक जनवरी के बाद से कैश बुक में कोई भी इंट्री नहीं पाई गई. ना ही निरीक्षण में इस बात का कोई प्रमाण मिला कि कार्यालय में काम हो रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए उप विकास आयुक्त ने सरकार को अपनी निरीक्षण टिप्पणी भेजते हुए कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है.
उप विकास आयुक्त पर भड़के कार्यपालक अभियंता
इधर उप विकास आयुक्त द्वारा निरीक्षण किए जाने के बाद कार्यपालक अभियंता आपे से बाहर हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि उप विकास आयुक्त झूठ फैला रहे हैं. वह पूरी तरह से झूठ बोल रहे हैं कि वह कार्यालय में नहीं थे. जबकि वह कार्यालय में हैं और उन्होंने अपने कार्यों का निष्पादन किया है. भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने कहा है कि उन्हें यह जरूरी नहीं लगता है कि जब वे लोहरदगा आए तो उप विकास आयुक्त से मुलाकात करें. यदि उप विकास आयुक्त को कभी उनकी जरूरत होगी तो वह जरूर मिलेंगे. कार्यपालक अभियंता ने यह उप विकास आयुक्त पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया