लोहरदगा: कोरोना संक्रमण के खतरे ने मासूमों के भविष्य को अंधकार में डाल दिया है. अब तक स्कूल नहीं खुले हैं. स्कूलों में शिक्षक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन बच्चों का नामांकन बेहद कम हो रहा है. बच्चों के नामांकन में काफी कमी आई है. यह स्थिति स्कूल खुलने के बाद और भी ज्यादा परेशान करने वाली हो सकती है. शिक्षा विभाग को लगा था कि प्रदेश से अपने गांव लौटने वाले मजदूर और दूसरे लोग पढ़ाई को लेकर अपने बच्चों का नामांकन स्थानीय विद्यालय में कराएंगे, लेकिन इस उम्मीद पर पानी फिर गया. हर साल के मुकाबले इस साल काफी कम नामांकन हुआ. बच्चों का ज्यादातर समय खेलने-कूदने में ही गुजर रहा है. स्कूलों में मासूमों की खिलखिलाहट जैसे गायब हो चुकी है.
लोहरदगा के स्कूलों में इस साल बच्चों का नामांकन काफी कम हुआ है. जिले के अलग-अलग 7 प्रखंडों में कुल 502 सरकारी स्कूल हैं. इन स्कूलों में इस साल 11,477 बच्चों का नामांकन हुआ है. यह आंकड़ा विगत साल के मुकाबले काफी कम है. विगत साल ज्यादा बच्चों का नामांकन हुआ था. शिक्षा विभाग वर्तमान परिस्थितियों को लेकर काफी ज्यादा परेशान है. आमतौर पर सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 और कक्षा 6 में नामांकन होता है.
काफी कम संख्या में हुआ नामांकन
अगर शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2018-19 में कक्षा एक में 8,033 और कक्षा 6 में 7,978 बच्चों का नामांकन हुआ था, जबकि साल 2019-20 में कक्षा एक में 6,513 और कक्षा 6 में 7,885 बच्चों का नामांकन हुआ था. वहीं, चालू साल में कक्षा 1 में महज 5,155 बच्चों का नामांकन हुआ है, जबकि कक्षा 6 में 6,322 बच्चों का नामांकन हुआ है. यह आंकड़ा इस वजह से भी ज्यादा चिंताजनक है कि बड़ी संख्या में मजदूर अपने परिवार और बच्चों के साथ अपने गांव लौटे चुके हैं. इसके बाद भी स्कूलों में नामांकन में कमी आ गई है.
स्कूल खुलने का अभिभावकों को इंतजार