लोहरदगा:दूर से ही पुलिस की गतिविधियों को देखकर पुलिस के लिए जाल बिछाने वाले नक्सलियों की अब खैर नहीं है. नक्सली चाहे जंगल में छिपे हों, या पहाड़ों में छिपकर पुलिस पर निगाह रख रहे हों. अब पुलिस भी उन्हीं की भाषा में उनको जवाब दे रही है. नक्सलियों पर आसमान से निगाह रखी जा रही है. जी हां नक्सली अब पुलिस की रडार में आ चुके हैं. लोहरदगा पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान को लेकर अब अत्याधुनिक तरीकों को अपनाना शुरू कर दिया है. जानिए आखिर क्या है, यह पुलिस की नई रणनीति.
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नक्सल विरोधी अभियान में ड्रोन कैमरे की ली जा रही मदद: आम तौर पर पुलिस पैदल चलते हुए या फिर मोटरसाइकिल दत्ता की सहायता से जंगलों और पहाड़ों में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाती थी. जिसकी वजह से कई बार पुलिस आसानी से नक्सलियों के बिछाए जाल में फंस जाती थी. लैंडमाइंस जैसी घटनाओं और पुलिस पर जंगलों से छिपकर फायरिंग की घटनाओं के कारण पुलिस को काफी नुकसान हो रहा था. इसी बीच लोहरदगा पुलिस ने अब नक्सलियों के खिलाफ ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल शुरू कर दिया (Drone monitoring of Naxalites in Lohardaga) है. पुलिस की टीम ड्रोन कैमरे की मदद से पहाड़ी और जंगली इलाकों पर नजर रख रही है. जिससे कि यह पता चल सके कि नक्सली कौन से इलाके में है और कितनी संख्या में छिपे हुए हैं.
पुलिस की गतिविधि पर नजर रखना नक्सलियों के लिए मुश्किल: पुलिस की इस नई चाल ने नक्सलियों को भी बेहाल कर दिया है. नक्सलियों के लिए अब पुलिस पर नजर रखना या फिर पुलिस के खिलाफ रणनीति बनाना आसान नहीं है. यदि नक्सलियों का दस्ता जंगल में कई किलोमीटर दूर भी छिपकर पुलिस के खिलाफ कोई रणनीति बना रहा है तो, पुलिस दूर से ही उसे जान सकती है. अगर नक्सली पुलिस को ट्रैप करने के लिए लैंड माइन या फिर कोई और तरीका अपनाते हैं तो पुलिस ड्रोन कैमरे की मदद से जान जाएगी और अपनी योजना में बदलाव करते हुए कार्रवाई कर सकती है. लोहदगा एसपी आर रामकुमार ने कहा कि ड्रोन वाइड एरिया को कवर करता है, इसलिए हमलोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.