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देसी इंजीनियर के रूप में पूरन उरांव ने बनाई पहचान, जुगाड़ से बने सामानों को खूब कर रहे पसंद लोग - desi engineer puran oraon

लोहरदगा में पूरन उरांव ने देसी इंजीनियर के रूप में अपनी पहचान बनाई है. देसी जुगाड़ से बांस के रिक्शा, मिक्सचर मशीन, धान रोपनी मशीन समेत कई चीजें बनायी है.

Desi engineer in Lohardaga
देसी इंजीनियर के रूप में पूरन उरांव ने बनाई पहचान

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Published : Dec 11, 2021, 2:32 PM IST

लोहरदगा: कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. आवश्यकता के अनुरूप ही इंसान उस सामान को इजाद करने में जुट जाता है. कुछ ऐसा ही पूरन उरांव ने किया है, जो जिला के सदर प्रखंड के जुरिया पंचायत के सेमर टोली जुरिया गांव के रहने वाले हैं. जिन्होंने अपने हुनर और देसी जुगाड़ से रोजमर्रा की कई चीजें बनायी है.

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जुरिया सेमर टोली के रहने वाले पूरन उरांव की पहचान एक देसी इंजीनियर के रूप में है. अब आप कहेंगे कि इसमें खास क्या है. लोग क्यों पूरन उरांव को देसी इंजीनियर कहते हैं तो हम आपको बताते हैं. पूरन उरांव जुगाड़ के सहारे नई-नई चीजों का निर्माण करते हैं. कुछ अपने परिवार की आवश्यकता के लिए बनाते हैं तो कुछ सामान दूसरों की डिमांड पर बनाते हैं. पूरन उरांव ने अब तक हाथ से चलाने वाला मिक्सर मशीन, बांस का हैंडमेड रिक्शा, धान रोपने की मशीन, कुआं से पानी निकालने वाला जल चक्र सहित कई सामान बना चुके हैं. इन सामानो को लोगों ने खूब पसंद किया है. इतना ही नहीं, आदिवासी समाज के अनुष्ठान में उपयोग होने वाला लकड़ी का गुड्डा भी बेहद खूबसूरत बनाते हैं.

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बच्चों की डिमांड पर बनाया था पहला सामान
पूरन उरांव ने जुगाड़ से पहली बार बांस से रिक्शा बनाया. बच्चों ने जिद की कि उन्हें गाड़ी चाहिए. गरीब परिवार से होने की वजह से पूरन बच्चों के लिए गाड़ी नहीं खरीद सकते थे. अपने बच्चों की जिद को पूरा करने के लिए मैट्रिक पास पूरन उरांव ने बांस से रिक्शा बनाकर बच्चों को दिया. इस रिक्शा को बच्चे के साथ साथ खुद उपयोग करते हैं. यह रिक्शा देखने में आकर्षक होने के साथ साथ काफी मजबूत भी है.

तीन से चार हजार में बिक रहा रिक्शा

रिक्शा बनाने के बाद कई लोगों ने डिमांड किया. पूरन उरांव कहते हैं कि बांस से बने रिक्शा के तीन से चार हजार रुपये में बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि धान की रोपनी के समय मजदूर नहीं मिल रहा था. जो मजदूर मिल रहा था तो मजदूरी की डिमांड अधिक करता था. उन्होंने कहा कि हाथ से चलने वाला धान रोपने की एक मशीन बना दी. अब वह बड़े आराम से से काम करता है. उसने कई लोगों की डिमांड पर इसी तरह की मशीन बनाई है.

आम जिंदगी को बनाया आसान

पूरन उरांव ने अपनी आकर्षक देसी जुगाड़ से लोगों को खूब प्रभावित किया है. लोग उसे देसी इंजीनियर कहते हैं. जुगाड़ की तकनीक के सहारे उसने कई ऐसे सामान बनाए हैं, जो आम जिंदगी को आसान बना देती हैं. गरीब पूरन ने बता दिया है कि प्रतिभा कभी पैसे की मोहताज नहीं होती है.

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