लोहरदगा: यह सड़क जानलेवा है. आए दिन जिंदगी छीन लेती है. यह सड़क खूनी बनी गई है. ये सारी बातें जिस एक सड़क को लेकर कही जा रही है, वो है लोहरदगा-किस्को पथ. जिस पर रोजाना रफ्तार से सैकड़ों गाड़ियां चलती हैं. लेकिन इसकी हालत ऐसी है कि आए दिन हादसे होते रहते हैं. लोगों की जान जाती रहती है. इसी सड़क से बॉक्साइट लदे ट्रकों का भी परिचालन भी होता है. इतना सबकुछ हो रहा है, लेकिन प्रशासन को कोई खास फिक्र नहीं है.
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29 करोड़ 78 लाख से शुरू हुआ था सड़क का निर्माण, रह गया अधूरा
ऐसा नहीं है कि लोहरदगा-किस्को पथ के निर्माण को लेकर पहल नहीं की गई. वर्ष 2017-18 में इस सड़क का निर्माण कार्य 29 करोड़ 78 लाख 26 हजार रुपए की लागत से शुरू किया गया था. इसके बावजूद यह सड़क अधूरी रह गई. जबकि एकरारनामा के मुताबिक इस सड़क को 20 अप्रैल 2019 तक पूरा कर लेना था. समय पर सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं करने के बावजूद इस सड़क का प्राक्कलन बढ़ाकर 37 करोड़ 20 लाख 78 हजार रुपये कर दिया गया. इसके बाद 31 अप्रैल 2021 तक संवेदक को सड़क निर्माण कार्य पूरा करने को कहा गया. काम शुरू हुआ, परंतु घटिया निर्माण की वजह से सड़क जगह-जगह टूट गई. सिर्फ गड्ढे और गड्ढे ही नजर आते हैं. आज भी यह सड़क अधूरी है और लोगों की जान ले रही है.
एक साल में कई लोगों की चली गई है जान लोहरदगा जिला मुख्यालय को किस्को प्रखंड से जोड़ने वाली इस सड़क पर आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं. दुर्घटनाओं में लोगों की जान भी चली जाती है. जबकि दर्जनों लोग घायल होकर लाचारगी की जिंदगी जीने के लिए विवश हो जाते हैं. एक साल के भीतर कई लोगों की जान यह सड़क ले चुकी है. दुर्घटनाएं कई रिकॉर्ड में आती हैं, जबकि कई दुर्घटनाएं गुम होकर रह जाती हैं. पिछले 13 अक्टूबर 2021 को इस सड़क पर दुर्घटना में एक महिला की मौत हो गई थी. जबकि 4 लोग घायल हो गए थे. 18 अप्रैल 2021 को सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई थी. पिछले महीने पुलिस वाहन भी इस सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हर दिन इस सड़क पर दुर्घटना होती है. कई बार दुर्घटनाएं सामने आती हैं. जबकि कई बार लोग जान भी नहीं पाते हैं कि यह सड़क किसी की जान भी ले चुकी है. एक साल के भीतर लगभग दर्जन भर लोगों की मौत इस दुर्घटना में हो चुकी है. वहीं 3 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.
विधानसभा समिति ने जताई है नाराजगीबॉक्साइट के पाखर माइंस में जाने वाली इस सड़क की हालत को लेकर पिछले 20 सितंबर 2021 को झारखंड विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने नाराजगी जताई थी. कई साल बाद भी सड़क निर्माण अधूरा रहने को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए 30 नवंबर 2021 तक सड़क को पूरा करने का निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद अब तक सड़क निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं हो पाई है. इतना तो तय है कि फिर इस साल यह सड़क नहीं बनेगी. जाने कब तक यह सड़क लोगों की जान लेती रहेगी.