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लोहरदगा में बच्चों की मुस्कुराहट पर डाका! पार्क के नाम पर लाखों खर्च लेकिन उपयोगिता शून्य - चिल्ड्रन पार्क

बच्चे मन के सच्चे होते हैं, ना तो उनके मन में किसी प्रकार का द्वेष होता है और ना ही भविष्य को लेकर कोई चिंता. उन्हें तो बस खेलना-कूदना और मुस्कुराना आता है. लोहरदगा में दुर्भाग्य की बात है कि बच्चों के नाम पर योजना में भी डाका डाला गया है. चिल्ड्रन पार्क (Children's Park) के पास कचरे का ढेर लगा हुआ है और साफ-सफाई का अभाव लोगों को पार्क के नाम पर मुंह चिढ़ा रहा है.

park in Lohardaga is in poor condition
park in Lohardaga is in poor condition

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Published : Sep 1, 2021, 3:24 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 3:45 PM IST

लोहरदगा:बच्चे देश का भविष्य होते हैं. जितना जरूरी इनके लिए पढ़ाई होता है उतना ही जरूरी खेल भी होता है. यही वजह है कि हर सरकार बच्चों के खेलकूद के लिए पार्क का निर्माण करती है. लेकिन लोहरदगा में ऐसे स्थान पर चिल्ड्रन पार्क (Children's Park) का निर्माण किया गया है जहां पर इसकी उपयोगिता शून्य है. वर्तमान समय में पार्क झाड़ियों और कचरे में तब्दील हो चुका है. ना तो इसकी पर्याप्त साफ सफाई की जा रही है और ना ही यह इस योग्य है कि यहां पर बैठकर कुछ समय बिताया जा सके. कुल मिलाकर लाखों रुपए की बर्बादी साफ तौर पर नजर आती है.

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निर्माण के बाद से ही उठते रहे हैं सवाल
शहरी क्षेत्र के गुदरी बाजार ठकुराइन तालाब के किनारे बेहद छोटे से क्षेत्र में एक चिल्ड्रन पार्क का निर्माण आज से तीन साल पहले कराया गया था जिसपर लाखों रुपए खर्च किए गए थे. यहां पर लोगों के बैठने के लिए जगह तरह-तरह की मूर्तियां, फूल-पौधे, बाउंड्री वॉल के अलावा कई तरह के काम किए गए थे. इस पार्क के बगल में ही बच्चों के खेलने के लिए भी व्यवस्था की गई थी. आसपास के लोगों को लगा कि शायद ठकुराइन तालाब की हालत अब सुधरने वाली है. जिससे कि यहां पर पार्क में बैठकर लोगों को दो पल सुकून के बिताने का मौका मिल सके. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, पार्क के नाम पर लाखों रुपए तो खर्च तो हो गए पर इसकी उपयोगिता शून्य ही रह गई. पार्क ना तो कभी ढंग से खोला गया, ना इसकी साफ-सफाई की गई और ना ही यहां पर कभी बच्चों का शोर गूंजा. हुआ बस यह कि झूला और जो दूसरे सामान पार्क के बाहर खुले में लगाए गए, वहां पर कभी कभार बच्चे आकर खेलते हैं.

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साफ-सफाई कराने की दी जा रही दलील
नगर परिषद का कहना है कि जल्द ही पार्क की साफ-सफाई करवाई जाएगी साथ ही उसे विकसित किया जाएगा. रंग-रोगन भी कराया जाएगा. लोगों का कहना है कि जब इसकी उपयोग ही नहीं है तो फिर इसमें खर्च क्यों. जब सभी को पता था कि यहां पर बैठ पाना मुश्किल है. एक तो तालाब के गंदे पानी का दुर्गंध, ऊपर से आसपास जमा कचरा. बैठने के लिए समुचित जगह का अभाव और पूरी तरह से पार्क के निर्माण के लिए अयोग्य स्थान का चयन सवाल खड़े करता है. इसके बावजूद यहां पर सरकारी राशि के बंदरबांट को लेकर पार्क का निर्माण किया गया. नगर परिषद की चाहे जो भी दलील हो, पर यह पार्क ना तो उपयोगी था और न उपयोगी होगा. इस प्रकार की योजना से यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकारी राशि की बर्बादी के लिए तंत्र की ओर से कोई भी जिम्मेवारी नहीं ली जाती है.

झूले के आसपास गंदगी



लोहरदगा में बच्चों के लिए बनाया गया पार्क आज दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का शिकार बन कर रह गया है. पार्क का ताला खुला ही नहीं. कचरे का ढेर लगा हुआ है और साफ-सफाई का अभाव लोगों को पार्क के नाम पर मुंह चिढ़ा रहा है. नगर परिषद इसके जीर्णोद्धार का दावा करता है, पर पाक की स्थिति सवाल उठाती है कि आखिर इस स्थान पर पार्क का निर्माण क्यों किया गया.

पार्क की गेट पर लगा ताला
Last Updated : Sep 1, 2021, 3:45 PM IST

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