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छात्रगण कृपया ध्यान दें, शिक्षा की यह रेलगाड़ी बस खुलने ही वाली है - उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेटहठ

लोहरदगा के बेटहठ पंचायत में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेटहठ किसी भी आदर्श विद्यालय की परिभाषा को पूर्ण करता है. विद्यालय की बाहरी दीवारों पर रेलगाड़ी की कलाकृति किसी को भी आकर्षित कर लेती है. विद्यालय की साज-सज्जा और व्यवस्था विद्यार्थियों को हर रोज स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करती है.

Children study in train coaches in Lohardaga
आदर्श विद्यालय

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Published : Feb 17, 2020, 3:03 PM IST

लोहरदगा: जिले के किस्को प्रखंड अंतर्गत बेटहठ पंचायत में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेटहठ किसी भी आदर्श विद्यालय की परिभाषा को पूर्ण करता है. वर्ष 1953 में स्थापित विद्यालय कभी खपरैल मकान में शुरू हुआ था. आज इस विद्यालय की पहचान एक आदर्श विद्यालय के रूप में है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

विद्यालय की बाहरी दीवारों पर रेलगाड़ी की कलाकृति किसी को भी आकर्षित कर लेती है. विद्यालय की साज-सज्जा और व्यवस्था विद्यार्थियों को हर रोज स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करती है. 3 सरकारी और 3 पारा शिक्षकों के माध्यम से इस स्कूल में शिक्षा की गाड़ी चल रही है. कभी 5-10 विद्यार्थियों के लिए भी तरसने वाला यह विद्यालय आज 240 विद्यार्थियों से सुशोभित है.

प्रधानाध्यापक का अहम योगदान

इसमें विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक लाल अरविंद नाथ शाहदेव का भी अहम योगदान है. जब उनका स्थानांतरण इस विद्यालय में हुआ था तो यहां पर गिनती के बच्चे थे. शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति चल रही थी. उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया. धीरे-धीरे मेहनत कर अभिभावकों के सहयोग से विद्यालय की तस्वीर ही बदल दी. यही तो कारण है कि उन्हें राज्य और जिला स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. बच्चे घर में रहने के बजाय स्कूल में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. कहते हैं हमें तो घर में मन ही नहीं लगता. यहां स्कूल में आकर काफी अच्छा लगता है.

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बच्चे की पढ़ाई देख खुश है अभिभावक

अभिभावक भी खुश है कि वह भी इसी स्कूल में पढ़े थे, तब तो पढ़ाई के नाम पर सब कुछ जीरो था. आज उनके बच्चे अंग्रेजी बोलते हैं. पढ़ने में अच्छे हैं. दूसरों से बात करते हैं तो खुद का सीना चौड़ा हो जाता है. इस स्कूल में पढ़ा कर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. यह स्कूल किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है. यहां पढ़ने वाला हर बच्चा पूरी लगन और मेहनत के साथ आगे बढ़ रहा है. स्कूल के अन्य शिक्षकों का भी अहम योगदान है. नियमित रूप से अभिभावक शिक्षक गोष्ठी होती है, जिसमें सभी शिक्षा के विकास को लेकर अपना सहयोग देते हैं. लोहरदगा जिले का यह विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है.

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