लोहरदगा: झारखंड विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक और बोकारो के विधायक बिरंची नारायण ने झारखंड सरकार पर हमला बोला है. बिरंची नारायण लोहरदगा पहुंचे हुए थे. भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए लोहरदगा आए हुए बिरंची नारायण ने लोहरदगा जिला परिषदन में झारखंड सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि झारखंड सरकार ब्रेनलेस और हेडलेस है. बिरंची नारायण ने सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठाए हैं.
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एक भी उद्योग, कल-कारखाने नहीं लगेंगे: बिरंची नारायण
ब्रेनलेस और हेडलेस है झारखंड सरकार: बिरंची नारायण - लोहरदगा में बीजेपी
बीजेपी के बोकारो विधायक और विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार विजनलेस है, उसे केवल पिछली सरकार की आलोचना करना आता है.
![ब्रेनलेस और हेडलेस है झारखंड सरकार: बिरंची नारायण biranchi narayan statement on jharkhand government in lohardaga](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-13125917-826-13125917-1632209772898.jpg)
विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक और बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने झारखंड सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए हैं. बिरंची नारायण ने लोहरदगा जिला परिषदन में कहा कि इन्वेस्टर मीट को लेकर झारखंड सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि दस हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. यह दावा पूरी तरह से गलत है और उन्हें विश्वास है कि झारखंड में वर्तमान समय और वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक भी उद्योग, कल-कारखाने स्थापित नहीं होंगे. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि वर्तमान सरकार हेडलेस और ब्रेनलेस है. जिस सरकार में कोई विजन ना हो, उस सरकार में भला कोई भी पैसा निवेश क्यों करना चाहेगा.
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में झारखंड में असुरक्षा का माहौल है. जज मारे जा रहे हैं, व्यवसाई का अपहरण हो रहा है, लोग खौफ में हैं. ऐसे में भला यहां पर कोई भी पैसा क्यों निवेश करेगा. झारखंड सरकार ने शर्त रख दी है कि यहां पर 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देना होगा. ऐसे में कोई भी हजार-दो हजार करोड़ का निवेश कर काम कैसे करेगा. पिछली सरकार ने झारखंड में उद्योगों के विकास को लेकर बेहतर काम किया था. अच्छा तो यह होता है कि वर्तमान सरकार पिछली सरकार के कामकाज को आगे बढ़ाने का काम करती, लेकिन वर्तमान समय में यह सरकार सिर्फ रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में किए गए कामकाज को लेकर आलोचना करना ही जानती है.