लोहरदगा: बारिश की वजह से लोहरदगा बिजली विभाग (Lohardaga Electricity Department) का हाल बुरा है. लोहरदगा बिजली विभाग का कार्यालय खस्ता हालत में है. बारिश होने पर कार्यालय की छत से पानी टपकने लगता है. जिसकी वजह से सरकारी दस्तावेज खराब हो रहे. बारिश होती है तो परेशानी बढ़ जाती है, कर्मियों को कभी टेबल इधर तो कभी टेबल उधर करनी पड़ती है. बिजली विभाग नए भवन में स्थानांतरित होने का इंतजार कर रहा. स्थिति यह भी है कि यहां कार्यपालक अभियंता का कार्यालय (Executive Engineer's Office) तक नहीं है. सब-डिवीजन ऑफिस में किसी प्रकार से कार्यालय चल रहा.
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बारिश होने पर टपकता है पानी
लोहरदगा बिजली विभाग (Lohardaga Electricity Department) का कार्यालय शहरी क्षेत्र के पतराटोली में स्थित है. जहां आज भी बिजली विभाग का कार्यालय दशकों पुराने भवन में चल रहा. जर्जर और खस्ताहाल भवन में ही विभाग का रिकॉर्ड रूम (Record Room) और कार्यपालक अभियंता का कार्यालय (Executive Engineer's Office) है. सरकारी कर्मचारी भी यहीं पर बैठकर काम करते है. बारिश होने पर इस जर्जर छत से पानी टपकता रहता है. सरकारी दस्तावेज खराब हो रहे. कार्यालय कर्मियों को कभी टेबल इधर तो कभी टेबल उधर करनी पड़ती है.
लोहरदगा में 95 हजार बिजली उपभोक्ता जिला के 95 हजार बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने को लेकर संकल्पित बिजली विभाग से हर कोई पूछता है कि बिजली का क्या हाल है. लेकिन जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी कभी नहीं पूछते कि बिजली विभाग कार्यालय का क्या हाल है. बिजली विभाग के नए भवन में अभी काम पूरा नहीं हो पाया. पिछले कई साल से बिजली विभाग जर्जर और खस्ताहाल भवन में ही काम करने को विवश हैं. यहां तक कि कार्यपालक अभियंता को कार्यालय तो दूर आवास तक उपलब्ध नहीं है. वो खुद कनीय अभियंता के आवास में रह रहे हैं.
वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या बारिश है. गनीमत है कि बिजली विभाग के ज्यादातर दस्तावेजों को कंप्यूटराइज्ड कर लिया गया है, लेकिन सरकारी दस्तावेजों के खराब होने का खतरा तो अभी-भी है. इसके अलावा कार्यालय कर्मचारियों की परेशानी अलग से है. पानी टपकता है तो परेशानी बढ़ जाती है. कुल मिलाकर बिजली विभाग पानी से परेशान है.