लोहरदगाः जिले में दंगा पीड़ितों से मुलाकात करने के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि लोहरदगा दंगा सुनियोजित था. यह दंगा सरकार और जिला प्रशासन के संरक्षण में हुआ है. इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
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बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर लोहरदगा को जलने दिया. जबकि समय रहते दंगा फैलने से रोका जा सकता था.
नीरज के परिवार सहित अन्य पीड़ितों से की मुलाकात
भाजपा में शामिल होने के बाद पहली बार लोहरदगा पहुंचे बाबूलाल मरांडी ने लोहरदगा में विगत 23 जनवरी को हुई हिंसक घटना में प्रभावित लोगों से मुलाकात की. घटना के लगभग 38 दिन के बाद बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में लोहरदगा लोकसभा सांसद सुदर्शन भगत, चतरा सांसद सुनील सिंह सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं ने लोहरदगा पहुंचकर दंगा पीड़ितों से मुलाकात की. इस दौरान दंगा पीड़ितों की समस्याएं और पीड़ा को सुना गया. भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले दंगा के शिकार हुए नीरज राम प्रजापति के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान नीरज राम प्रजापति की पत्नी मां और भाई से मुलाकात करते हुए उनकी समस्याओं को सुना. बाबूलाल मरांडी ने इस परिवार को आश्वस्त किया कि वे उन्हें हर संभव सहायता दिलाने और भारतीय जनता पार्टी की ओर से सहयोग करने को लेकर ही यहां पर आए हैं.
इसके बाद बाबूलाल मरांडी ने जिला परिषदन में पहुंचकर दंगा पीड़ितों से मुलाकात की. उन्होंने लगभग 30 दंगा पीड़ितों से मुलाकात करते हुए उनकी समस्याओं को भी सुना. साथ ही उनके लिए लड़ने और उन्हें हर संभव सहायता दिलाने का भरोसा भी दिलाया.
सरकार पर लगाए आरोप
मीडिया से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हमने दंगा पीड़ितों से बात की है. उनकी जुबानी यह जानने की कोशिश की कि आखिर इतनी बड़ी घटना लोहरदगा में कैसे हो गई. तमाम बातों को सुनने से यही लगता है कि यह घटना सुनियोजित थी. प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद लोहरदगा को जलने दिया गया. जिससे यह लगता है कि यह घटना सरकार के संरक्षण में हुई है. उन्होंने कहा कि वे सरकार को ऐसे काम करने नहीं दे सकते हैं. वे सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे.