लोहरदगाःलोहरदगा में आसमानी बिजली हर साल कई लोगों की जान ले रही है. वज्रपात की चपेट में आने से कई लोग अपनी जान गवां बैठते हैं. पहाड़ी और जंगली क्षेत्र होने की वजह से लोहरदगा जिले में वज्रपात की घटनाएं ज्यादा होती हैं.
हर साल कई लोगों की जान वज्रपात की चपेट में आने से चली जाती हैं. इसके अलावा कई लोग गंभीर रूप से झुलस जाते हैं, जबकि कई मवेशियों की मौत भी आग की चपेट में आने से होती है.
लोहरदगा जिले में वज्रपात की घटनाएं किसी बड़ी विभीषिका से कम नहीं हैं. कई परिवार इस प्रकार की घटनाओं में तबाह और बर्बाद होकर रह जाते हैं. आपदा प्रबंधन विभाग अब ग्रामीणों को वज्रपात से बचाव को लेकर जागरूक करने का अभियान में जुट गया है.
पिछले 3 साल में 56 लोगों की गई जान
लोहरदगा जिले में वज्रपात की चपेट में आने की वजह से पिछले 3 साल में कुल 56 लोगों की जान चली गई है. वर्ष 2017-28 में लोहरदगा जिले में वज्रपात की चपेट में आने की वजह से कुल 22 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 16 पशुओं की भी मौत हो चुकी थी.
इसी तरह से वर्ष 2018-19 में कुल 18 लोगों की जान वज्रपात की चपेट में आने से गई थी, जबकि 21 पशुओं की भी मौत वज्रपात की चपेट में आने से हुई थी.
वर्ष 2019-20 कुल 16 लोगों की जान वज्रपात की चपेट में आने से जा चुकी है. यही नहीं 7 पशुओं की भी मौत वज्रपात की चपेट में आने से हुई है.