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बेतला नेशनल पार्क में दो बाईसन की हुई मौत, संक्रमण से मौत होने की आशंका - बाईसन की संक्रमन से मौत की आशंका

बेतला नेशनल पार्क के वन क्षेत्र 1 सप्ताह के अंदर अलग-अलग स्थानों में दो बाईसन की मौत हो गई. वन विभाग ने स्थानीय पशु चिकित्सक से बाईसन के पोस्टमार्टम करवा कर दफना दिया गया. वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बाईसन की मौत के अस्थल का जायजा लेने के बाद बेतला में वन विभाग के अधिकारियों के साथ साथ पशु चिकित्सकों के साथ घंटों बैठक की.

Two Bison died
बाईसन की मौत का मामला

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Published : May 9, 2020, 8:25 AM IST

Updated : May 9, 2020, 2:47 PM IST

लातेहारःपलामू व्याघ्र परियोजना का बेतला नेशनल पार्क फरवरी माह में बघनी की मौत के बाद राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुर्खियों में रहा था, जिसको लेकर झारखंड में राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी खूब चला था. वहीं एक बार फिर से बेतला मित्तल पार्क सुर्खियों में आ चुका है और मामला जुड़ा है नेशनल पार्क में बीते एक सप्ताह के अंदर दो बाईसन मौत से.

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बेतला नेशनल पार्क के वन क्षेत्र 1 सप्ताह के अंदर अलग-अलग स्थानों में दो बाईसन की मौत हो गई, जिसके बाद वन विभाग द्वारा स्थानीय पशु चिकित्सक से बाईसन का पोस्टमार्टम करवा कर दफना दिया गया. वहीं मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशि नंदकुलियार बेतला पहुंचे. उनके साथ पलामू व्याघ्र परियोजना के निदेशक वाईके दास समेत कई आला अधिकारी भी शामिल थे. प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बाईसन की मौत के स्थल का जायजा लेने के बाद बेतला में वन विभाग के अधिकारियों के साथ साथ पशु चिकित्सकों के साथ घंटों बैठक की.

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बाईसन की मौत के मामले को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशि नंद कुलियार ने बताया कि एक सप्ताह में अलग-अलग स्थानों पर दो बाईसन की मौत हुई है, जहां पोस्टमार्टम के बाद प्रथम दृष्टया संक्रमण का मामला लगता है. वहीं विशेष जांच के लिए महत्वपूर्ण अंगों के सैंपल भेजे गए हैं.

साथ ही स्थानीय वन अधिकारियों को एहतियात बरतने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि संक्रमण को फैलने से रोका जाए इसको लेकर जितने बाईसन हैं उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ वन क्षेत्र की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की बात की.

वहीं, प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने व्याघ्र परियोजना क्षेत्र के निदेशक के साथ-साथ अन्य अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को जागरूक किया जाए कि वे अपने पालतू जानवरों को वन क्षेत्र में न भेजें. साथ ही साथ ऐसे लक्षण दिखने वाले जानवरों को अलग करके उनके विशेष इलाज की कार्रवाई की जाए, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जाए.

Last Updated : May 9, 2020, 2:47 PM IST

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