लातेहार:सरकार के द्वारा नल जल योजना के तहत हर घर तक पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है. लेकिन अभी भी कई ऐसे गांव हैं, जहां के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. इन्हीं गांव में एक है जिला मुख्यालय से सटा परसही पंचायत का बघमरी गांव. इस गांव में मात्र एक चापाकल है जिस पर गांव के सभी आदिवासी परिवार निर्भर हैं.
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दरअसल, बघमरी टोला लातेहार जिला मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस गांव में रहने वाले सभी 35 परिवार आदिवासी समुदाय के हैं. इस गांव में बरसों पहले एक चापाकल लगाया गया था. उसी चापाकल के भरोसे आज तक पूरा गांव है. ऐसे में ग्रामीणों को हर वक्त पेयजल संकट से जूझना पड़ता है. 35 परिवारों का प्यास बुझाते-बुझाते यह चापाकल भी हांफने लगता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि इस गांव के ग्रामीण पूरी तरह इसी चापाकल पर निर्भर हैं.
नहीं पहुंचा नल जल योजना का लाभ:ग्रामीण राजेंद्र उरांव, शीला देवी, मंजू देवी आदि ग्रामीणों ने बताया कि आस-पास के गांव में नल जल योजना के तहत ग्रामीणों के घर में नल पहुंच गया है. लेकिन हमारे गांव को इस योजना के लाभ से वंचित रखा गया है. ग्रामीणों ने कहा कि एकमात्र चापाकल गांव में है जिसके सहारे गांव के लोगों की प्यास बुझती है. कई बार हम लोगों ने इसके लिए जनप्रतिनिधियों से मांग भी की, मगर आज तक मात्र आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला. ग्रामीणों ने बताया कि मजबूरी में उन लोगों को नहाने या कपड़ा धोने के लिए गांव से थोड़ी दूर पर स्थित एक तालाब में जाना पड़ता है. लेकिन गर्मी के दिनों में तो तालाब का पानी भी सूख जाता है. ऐसे में यहां के ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
घर-घर तक नल पहुंचाने की है योजना:इस संबंध में पूछने पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता जितेंद्र कुजूर ने कहा कि सरकार की योजना के तहत प्रत्येक घर तक नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है. सभी गांव, टोला तक पेयजल पहुंचाया जा रहा है. इसके बाद भी यदि कोई छूट रहा हो तो वह एक आवेदन दे, उनके घरों तक पेयजल पहुंचाई जाएगी.