लातेहार: पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए झारखंड जनमुक्ति परिषद के जोनल कमांडर समेत तीन नक्सलियों को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया. नक्सली जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र में किसी घटना को अंजाम देने की योजना तैयार कर रहे थे. गिरफ्तार नक्सलियों में लातेहार निवासी जोनल कमांडर मिथुन लोहरा, दस्ता सदस्य लोहरदगा निवासी प्रकाश महतो तथा चंदवा निवासी संजीत महतो शामिल हैं.
Jharkhand Naxal News: लातेहार से तीन नक्सली गिरफ्तार, बड़ी वारदात को अंजाम देने की थी तैयारी - लातेहार पुलिस
लातेहार पुलिस ने तीन नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता है हासिल की है. तीनों किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे.
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लातेहार एसपी अंजनी अंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि झारखंड जनमुक्ति परिषद के उग्रवादी जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत केड़ गांव के आसपास किसी घटना को अंजाम देने के लिए योजना तैयार कर रहे हैं. इस सूचना के बाद एसपी के निर्देश पर छिपादोहर थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया और नक्सलियों के धरपकड़ के लिए छापामारी की गई. सूचना के आधार पर पुलिस जब चिन्हित स्थान पर पहुंची तो पुलिस को देखकर नक्सली वहां से भागने लगे. परंतु पुलिस ने तीनों नक्सलियों को धर दबोचा. इनके पास से एक देसी रिवाल्वर, जिंदा गोली और दो मोटरसाइकिल भी बरामद हुए.
लेवी वसूलने के लिए आए थे नक्सली:एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि गिरफ्तार नक्सलियों से पुलिस ने जब पूछताछ की तो उग्रवादियों ने बताया कि वे लोग लेवी वसूलने के लिए यहां आए थे. एसपी ने कहा कि गिरफ्तार नक्सली मिथुन लोहरा इन दिनों इलाके में दहशत फैला रहा था. पुलिस को इसकी कई दिनों से तलाश थी और लगातार इसकी गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही थी. एसपी ने कहा कि गिरफ्तार नक्सली ने पूछताछ के दौरान पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी भी दी है. जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.
1 साल के अंतराल में सभी नक्सली संगठनों की टूटी कमर:लातेहार जिले में छोटे-बड़े कई नक्सली संगठन काफी सक्रिय थे. इसके अलावा कई आपराधिक संगठन भेज जिले में अपने सिर उठा रहे थे. परंतु पिछले 1 वर्ष के कार्यकाल के दौरान पुलिस की सटीक रणनीति और एक्शन के कारण सभी नक्सली संगठनों को भारी नुकसान हुआ है. पिछले 1 वर्ष के दौरान नक्सली संगठन टीएसपीसी तो बिल्कुल कमजोर हो गया. इस संगठन के 2 दर्जन से अधिक नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं, झारखंड जनमुक्ति परिषद को भी बड़ा नुकसान हुआ है. इस संगठन के कई नक्सली गिरफ्तार हुए या फिर मारे गए. 1 वर्ष के अंतराल में माओवादियों को भी काफी अधिक नुकसान हुआ है. माओवादियों के सेफ जोन समझा जाने वाला बुलबुल जंगल और बूढ़ा पहाड़ का एरिया माओवादियों के चंगुल से मुक्त हो गया.
छापामारी दल में यह अधिकारी थे शामिल:जोनल कमांडर समेत तीन नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए की गई छापामारी दल में थाना प्रभारी अभिषेक कुमार, सब इंस्पेक्टर काशी महली, रंजीत राम, दिव्य प्रकाश, नारायण यादव समेत अन्य पुलिस के जवान शामिल थे.