लातेहार: स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेवारी वहां के शिक्षकों की होती है. परंतु सदर प्रखंड के जगलदगा स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गई. विद्यालय प्रबंधन के द्वारा शनिवार को बच्चों को मध्यान भोजन के बदले बासी बुंदिया खिलाया गया. इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे फूड प्वाइजनिंग के चपेट में आ गए. स्कूल के 10 बच्चों को इलाज के लिए लातेहार सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि इलाज के बाद बच्चों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है.
Food poisoning in Latehar: मिड डे मील के बदले बच्चों को खिला दिया बासी बुंदिया, फूड प्वाइजनिंग से 10 बच्चे बीमार, अस्पताल में भर्ती - लातेहार न्यूज
झारखंड के लातेहार जिला में एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील के बदले छत्रों को बासी बुंदिया खिला दिया गया. बासी बुंदिया खाने के बाद 10 बच्चे बीमार हो गए, जिन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
दरअसल, सरस्वती पूजा समापन के बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे शनिवार को स्कूल आए थे. शनिवार को स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनना था, परंतु सरस्वती पूजा के बाद बुंदिया बच गया था. बच्चों को शिक्षकों ने मध्यान भोजन के स्थान पर सरस्वती पूजा के बाद बचा हुआ बुंदिया खिला दिया. ऐसे में बुंदिया खाने वाले बच्चों की स्थिति शनिवार को बिगड़ गई. बच्चे उल्टी और दस्त करने लगे. बच्चों के अभिभावकों ने ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज कराया परंतु जब कुछ बच्चों की स्थिति काफी बिगड़ गई तो ग्रामीणों में अफरा तफरी मच गई.
जनप्रतिनिधियों ने दिखाई तत्परता:गांव में इस प्रकार की घटना होने की सूचना मिलने के बाद मुखिया सुनीता देवी, कांग्रेस नेता साजन कुमार और कांग्रेसी नेता पंकज तिवारी ने तत्परता दिखाते हुए गंभीर रूप से बीमार 10 बच्चों को लातेहार सदर अस्पताल में भर्ती कराया और उनका इलाज कराया. इतनी संख्या में अचानक बीमार बच्चों को अस्पताल आने के बाद अस्पताल में भी अफरा तफरी मच गई. चिकित्सकों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों का इलाज आरंभ किया. चिकित्सकों की तत्परता के कारण बच्चों की स्थिति काफी हद तक संभल गई. इलाज के बाद चिकित्सकों ने सभी बच्चों को खतरे से बाहर बताया है.
शिक्षा विभाग की उदासीनता से लोगों में आक्रोश:स्कूली बच्चों के फूड प्वाइजनिंग के चपेट में आने की सूचना के बाद भी शिक्षा विभाग के कोई भी अधिकारी बच्चों की सुधि लेने अस्पताल नहीं पहुंचे. विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से लोगों में भारी आक्रोश भी देखा गया. हालांकि घटना की सूचना मिलने के बाद यूनिसेफ के जिला समन्वयक संजीत कुमार तथा शिक्षा विभाग के कुछ निम्न वर्गीय कर्मी अस्पताल पहुंचकर बच्चों के परिजनों से हालचाल लिया. परंतु वरीय अधिकारियों के नहीं पहुंचने से लोगों में आक्रोश था. कांग्रेस नेता पंकज तिवारी और साजन कुमार ने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ इस प्रकार की घटना हो गई, परंतु विभाग के अधिकारी उदासीन बने हुए हैं, यह काफी निंदनीय बात है.
इन बच्चों को लाया गया सदर अस्पताल:स्कूल के छात्र अभिषेक उरांव, नवनीत उरांव, प्रियंका कुमारी, रंजीत उरांव, अशोक उरांव, आशु उरांव, प्रिंस उरांव, प्रिया कुमारी, प्रियतम उरांव, माही उरांव और आरोही उरांव को अस्पताल इलाज के लिए लाया गया.