झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

लातेहारः नेतरहाट में आरंभ हुई स्ट्रॉबेरी की खेती, किसानों को बनाएगी मालामाल - Cultivation of Strawberries in Latehar

झारखंड की रानी के रूप में विख्यात लातेहार जिले का नेतरहाट अपनी नैसर्गिक सौंदर्यता के लिए प्रसिद्ध है. वहीं नेतरहाट की दूसरी पहचान नाशपाती की खेती भी है, लेकिन अब यहां के किसान स्ट्रॉबेरी की भी खेती कर रहे हैं. यहां की आबोहवा स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुकूल है.

स्ट्रॉबेरी
स्ट्रॉबेरी

By

Published : Jul 3, 2020, 1:32 PM IST

लातेहारः झारखंड की रानी के रूप में विख्यात लातेहार जिले का नेतरहाट अपनी नैसर्गिक सौंदर्यता के लिए प्रसिद्ध है. वहीं नेतरहाट की दूसरी पहचान नाशपाती की खेती भी है, परंतु अब नेतरहाट अपनी एक अलग पहचान बनाने के नक्शे कदम पर चल पड़ा है.

स्ट्रॉबेरी की खेती आरंभ.

नेतरहाट में स्ट्रॉबेरी की खेती यहां के किसानों ने आरंभ की है, यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो नेतरहाट देशभर में स्ट्रॉबेरी के हब के रूप में पहचाना जाने लगेगा.

दरअसल नेतरहाट के किसान मुख्य रूप से नाशपाती, धान, मकई आदि की खेती करते थे, परंतु यहां के किसान श्रीनिवासन राजू ने एक प्रयोग आरंभ करते हुए स्ट्रॉबेरी की खेती की.

किसान श्रीनिवासन राजू ने बताया कि वह गत 2 वर्षों से स्ट्रॉबेरी की खेती आरंभ की. प्रयोग के तौर पर आरंभ की गई यह खेती पहले चरण में सफल रही. इसके बाद इस वर्ष वह लगभग 2 एकड़ भूमि में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नेतरहाट की आबोहवा स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुकूल है.

मार्च-अप्रैल में होगा उत्पादन

किसान श्रीनिवासन राजू ने बताया कि आमतौर पर देश के दूसरे हिस्सों में स्ट्रॉबेरी के फल अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक निकलते हैं, परंतु नेतरहाट में जिस प्रकार का मौसम है उससे यहां मार्च और अप्रैल माह में स्ट्रॉबेरी के फल आते हैं.

अच्छी आमदनी कर सकते हैं किसान

स्ट्रॉबेरी की खेती से किसानों को काफी अच्छी आमदनी हो सकती है. किसान श्रीनिवासन राजू की मानें तो 1 एकड़ भूमि में लगभग 8 से 10 टन तक स्ट्रॉबेरी का उत्पादन हो सकता है. यदि आरंभिक चरण में किसान प्रति एकड़ 2 से 3 टन भी उत्पादन करेगा तो वह 10 लाख रुपए तक की कमाई कर सकता है. उन्होंने बताया कि मार्केट में स्ट्रॉबेरी लगभग ₹500 किलो की दर से बिकती है.

प्लांटेशन भी किया आरंभ

किसान राजू ने बताया कि स्थानीय किसानों को स्ट्रॉबेरी के प्लांट दक्षिण भारत के राज्यों से लाना पड़ते थे. ऐसे में उन्हें यह खेती काफी महंगी पड़ जाती थी, यदि उत्पादन नहीं हुआ तो किसान कर्ज में चला जाता था.

इसीलिए 2 वर्षों के प्रयोग के बाद उन्होंने नेतरहाट में ही स्ट्रॉबेरी का प्लांट भी तैयार करना आरंभ किया है. अब झारखंड और बिहार के साथ-साथ छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और ओडिसा आदि राज्य के किसान भी यहां से आसानी से प्लांट ले जाकर स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि झारखंड और बिहार की सीमा पर स्थित कुछ गांव के किसान यहां से स्ट्रॉबेरी के पौधे भी ले गए हैं.

रखनी पड़ती है सावधानी

स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. किसान श्रीनिवासन राजू ने बताया कि स्ट्रॉबेरी के फल में यदि अधिक पानी पड़ जाए तो फसल खराब हो जाती है.

यह भी पढ़ेंः15 अगस्त तक लॉन्च हो सकती है देश की पहली कोरोना वैक्सीन, मानव परीक्षण 7 जुलाई से शुरू

इतना ही नहीं बल्कि इसमें फंगस लगने की संभावना भी काफी अधिक होती है. इसीलिए किसानों को पूरी सावधानी के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती करनी पड़ती है.

लातेहार के लिए सुखद समाचार

लातेहार कृषि विभाग के उपनिदेशक सप्तमी कुमार झा ने कहा कि नेतरहाट में स्ट्रॉबेरी की खेती आरंभ होना काफी सुखद समाचार है. उन्होंने कहा कि यह काफी मुनाफे वाली खेती है. इससे किसानों को अच्छी आमदनी हो सकेगी.

नेतरहाट में स्ट्रॉबेरी की खेती आरंभ होने से किसानों के समक्ष आगे बढ़ने का एक नया अवसर मिला है. जरूरत इस बात की है कि सरकार इस प्रकार बेहतर कार्य करने वाले किसानों को सहयोग करें ताकि लातेहार जैसे जिले में किसानों का हौसला बुलंद हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details