लातेहारः झारखंड की रानी के रूप में विख्यात लातेहार जिले का नेतरहाट अपनी नैसर्गिक सौंदर्यता के लिए प्रसिद्ध है. वहीं नेतरहाट की दूसरी पहचान नाशपाती की खेती भी है, परंतु अब नेतरहाट अपनी एक अलग पहचान बनाने के नक्शे कदम पर चल पड़ा है.
नेतरहाट में स्ट्रॉबेरी की खेती यहां के किसानों ने आरंभ की है, यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो नेतरहाट देशभर में स्ट्रॉबेरी के हब के रूप में पहचाना जाने लगेगा.
दरअसल नेतरहाट के किसान मुख्य रूप से नाशपाती, धान, मकई आदि की खेती करते थे, परंतु यहां के किसान श्रीनिवासन राजू ने एक प्रयोग आरंभ करते हुए स्ट्रॉबेरी की खेती की.
किसान श्रीनिवासन राजू ने बताया कि वह गत 2 वर्षों से स्ट्रॉबेरी की खेती आरंभ की. प्रयोग के तौर पर आरंभ की गई यह खेती पहले चरण में सफल रही. इसके बाद इस वर्ष वह लगभग 2 एकड़ भूमि में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नेतरहाट की आबोहवा स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुकूल है.
मार्च-अप्रैल में होगा उत्पादन
किसान श्रीनिवासन राजू ने बताया कि आमतौर पर देश के दूसरे हिस्सों में स्ट्रॉबेरी के फल अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक निकलते हैं, परंतु नेतरहाट में जिस प्रकार का मौसम है उससे यहां मार्च और अप्रैल माह में स्ट्रॉबेरी के फल आते हैं.
अच्छी आमदनी कर सकते हैं किसान
स्ट्रॉबेरी की खेती से किसानों को काफी अच्छी आमदनी हो सकती है. किसान श्रीनिवासन राजू की मानें तो 1 एकड़ भूमि में लगभग 8 से 10 टन तक स्ट्रॉबेरी का उत्पादन हो सकता है. यदि आरंभिक चरण में किसान प्रति एकड़ 2 से 3 टन भी उत्पादन करेगा तो वह 10 लाख रुपए तक की कमाई कर सकता है. उन्होंने बताया कि मार्केट में स्ट्रॉबेरी लगभग ₹500 किलो की दर से बिकती है.
प्लांटेशन भी किया आरंभ