लातेहार. झारखंड सरकार भले ही विकास का दावा करे लेकिन उन दावों की हकीकत कुछ और है. राज्य के मजदूर आज भी अभिशापित जीवन जीने को मजबूर हैं. लातेहार के 7 मजदूरों को तमिलनाडु में एक दबंग ने बंधक बना रखा है. उनके परिजन अधिकारियों के पास मजदूरों को सकुशल मुक्त कराने की गुहार लगाते फिर रहे हैं.
लातेहार के 7 मजदूर तमिलनाडु में बने बंधक, प्रशासन से सकुशल मुक्त कराने की गुहार
काम के अभाव में लोगों का एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में आना- जाना लगा रहता है. लेकिन पलायन पूरे राज्य के लिए एक समस्या बनी हुई है. ऐसे में मजदूरों की सुरक्षा कैसे होगी इस पर सरकार को गंभीरता पूर्वक विचार करने की जरूरत है.
दरअसल, लातेहार जिला मुख्यालय चंदनडीह मोहल्ले के 7 मजदूर काम की तलाश में केरल गए हुए थे. मजदूर प्रीतम भुइयां, अनमोल टोप्पो, विजय भुइयां, मुकंदर भुइयां, सूरज लाल उरांव, दीपक उरांव और सहेंद्र उरांव हां लगभग डेढ़ माह काम करने के बाद 5 अप्रैल को वापस लौट रहे थे. इसी दौरान एक दलाल उन्हें बहला फुसलाकर तमिलनाडु काम करने ले गया. तमिलनाडु ले जाकर मानव तस्करों ने मजदूरों से उनके पैसे ले लिए और उनके कागजात भी जब्त कर लिए. सभी मजदूरों को बोरिंग के काम में लगा दिया गया, इधर जब मजदूर इस काम को करने के लिए तैयार नहीं हुए तो दबंगों ने मजदूरों को बंधक बनाकर उन्हें यातनाएं दी. इनमें से मजदूर प्रीतम ने किसी प्रकार मोबाइल से अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी. इसके बाद मजदूरों के परिजन पुलिस और पदाधिकारियों के पास गुहार लगाना शुरू कर दिया है.
मजदूर प्रीतम के परिजन शांति देवी ने बताया कि बंधक बनाने वाले लोगों ने मजदूरों का सारा सामान छीन लिया है और उनके साथ मारपीट भी कर रहे हैं. वहीं इस संबंध में जिला श्रम अधीक्षक अनिल रंजन ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें मिली है परिजन लिखित शिकायत करें. उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर जो भी मदद होगी वह किया जाएगा.