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लातेहार: भाजपा नेता के हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं होने पर निकाला विरोध मार्च, सरकार को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

लातेहार जिले में गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता जयवर्धन सिंह के हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर विरोध मार्च निकाला गया. साथ ही प्रखंड कार्यालय में अंचलाधिकारी को सीएम के नाम मांग पत्र सौंपा गया. इसी के साथ सरकार को स्थानीय लोगों ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए शनिवार से उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

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भाजपा नेता जयवर्धन सिंह

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Published : Jul 9, 2020, 6:17 PM IST

लातेहार: रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता जयवर्धन सिंह की हत्या किए जाने के बाद अब तक अपराधियों के गिरफ्तारी नहीं होने से लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है. जहां गुरुवार को बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय में स्थानीय लोगों की तरफ से विरोध मार्च निकाला गया. साथ ही प्रखंड कार्यालय पहुंचकर अंचलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सोपा गया. वहीं सरकार को अपराधियों की धरपकड़ के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया.

48 घंटे का दिया गया अल्टीमेटम
मांग पत्र के माध्यम से लोगों ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 48 घंटों में अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो शनिवार से बरवाडीह के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करके वाहनों का परिचालन पूरी तरीके से प्रभावित करते हुए उग्र आंदोलन किया जाएगा. वहीं मांग पत्र के माध्यम से पूरे घटना की निष्पक्ष जांच कराने को लेकर मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की अनुशंसा करने की भी मांग की गई है.


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पुलिस इस हत्याकांड को लेकर अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है, जिससे लोगों के अंदर आक्रोश है. वह इसके पूर्व मंगलवार को स्थानीय लोगों ने घटना के विरोध में अपराधियों की गिरफ्तारी करने और स्थानीय निर्देश लोगों को बेवजह हिरासत में रखने जाने के खिलाफ लोगों ने सड़क जाम करके हंगामा किया था.

50 गज की दूरी पर अज्ञात अपराधियों ने मारी गोली
बता दें भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री और सांसद सुनील सिंह के करीबी रहे सांसद प्रतिनिधि जयवर्धन सिंह की महज 50 गज की दूरी पर अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या की है. इस घटना को अंजाम देने के बाद पूरे थाना क्षेत्र में प्रशासन और अपराधियों के प्रति लोगों में आक्रोश है. वहीं साल 2015 में जयवर्धन सिंह पर हमले की साजिश रची गई थी, जिसमें पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने जयवर्धन सिंह का हथियार भी निर्गत किया था. वहीं बीते विधानसभा चुनाव के दौरान हथियार जमा करने के बाद अब तक हथियार निर्गत नहीं किया गया था. फिलहाल, पूरे घटना में स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल लगातार खड़े हो रहे हैं.

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