लातेहार: गर्मी का प्रकोप अपने चरम पर पहुंच गया है. ऐसे में जल स्तर नीचे चला जाना सामान्य सी बात लगती है, लेकिन सदर प्रखंड के सालोडीह गांव में इस बार जल संकट ने विकराल रूप धारण कर लिया है. गांव के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. गांव में लगे सभी चापानल खराब हो गए हैं. खेती के लिए बनाए गए कुओं में भी पानी लगभग खत्म हो गया है.
वीडियो में देखें पूरी खबर दरअसल, सालोडीह गांव पूरी तरह से आदिवासी बहुल गांव है. गांव के लगभग 50 परिवार के लिए सरकार के स्तर से चापानल भी लगाया गया, लेकिन चापाकल गर्मी के दस्तक देते ही खराब हो गए. ग्रामीणों के द्वारा बार-बार आवेदन देने के बावजूद चापानलों को बनाने के लिए प्रशासन या जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.
एक कुएं के भरोसे ग्रामीण किसी तरह अब तक अपनी प्यास बुझाते रहे, लेकिन अब कुआं भी सूखने की कगार पर आ गया है. रात भर में कुएं से बमुश्किल 20-25 बाल्टी पानी जमा होता है. इसके लिए सुबह से ही ग्रामीण लाइन में लग जाते हैं. इस संबंध में ग्रामीण महिला फुलवा देवी ने कहा कि गांव में चापाकल खराब है. कुआं सूख चुका है, लेकिन कहीं से ग्रामीणों को कोई मदद नहीं मिल रही है.
नेत्रहीन छोटू को होती है परेशानी
पेयजल संकट से सबसे ज्यादा परेशान नेत्रहीन छोटू उरांव है. गांव के अन्य लोग तो किसी तरह दूर-दराज जाकर पीने का पानी ले आते हैं, लेकिन छोटू पानी लाने में असमर्थ है. छोटू ने कहा कि उसे कोई मदद करने वाला नहीं है.
शौचालय तो बना पर कैसे हो उपयोग
गांव में लगभग सभी घरों में शौचालय तो बनकर तैयार है, लेकिन पानी के अभाव में ग्रामीण उसका उपयोग कैसे करें, यह एक यक्ष प्रश्न बन गया है. ग्रामीण सकेंद्र अगरिया ने कहा कि गांव में पीने के लिए तो पानी ही नहीं मिल रहा है, तो वो लोग शौचालय का उपयोग कैसे करेंगे. वहीं, इस संबंध में पूछने पर लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने कहा कि वो मामले की जानकारी ले रहे हैं. जल्द ही पानी की समस्या का समाधान किया जाएगा.