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फलदार और इमारती पेड़ पौधों से कमा रहे बेहतर मुनाफा, पेश की मिसाल

लातेहार के मोंगर गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद और उनके बेटों ने अपने 20 एकड़ बंजर पड़ी भूमि पर वृक्षारोपण कर रोजगार तलाशने की योजना बनाई. जमीन पर आम, आंवला, नींबू, लीची, अमरूद समेत कई फलदार पेड़ पौधे लगाए हैं. साथ ही सैकड़ों की संख्या में इमारती पेड़ भी लगाए.

people are getting profits from fruit and timber plants in latehar
people are getting profits from fruit and timber plants in latehar

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Published : Oct 21, 2020, 5:35 AM IST

लातेहार: जिला रोजगार के साधनों के साथ-साथ कृषि के मामले में भी काफी पीछे है. यहां के किसान मुख्य रूप से अपनी भूमि पर पारंपरिक धान, मक्का आदि की खेती ही करते हैं. लेकिन सदर प्रखंड के मोंगर गांव के किसान राजेंद्र प्रसाद और उनके बेटों ने पारंपरिक खेती के साथ-साथ पौधरोपण में रोजगार तलाश कर आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं. फलदार पेड़ पौधों से प्रतिवर्ष ये लोग दो से तीन लाख रुपए आसानी से कमा लेते हैं.

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वृक्षारोपण कर रोजगार तलाशने की योजना

दरअसल, लातेहार जिला मुख्यालय से सटे हुए मोंगर गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद और उनके बेटों ने अपने 20 एकड़ बंजर पड़ी भूमि पर वृक्षारोपण कर रोजगार तलाशने की योजना बनाई. जमीन पर आम, आंवला, नींबू, लीची, अमरूद समेत कई फलदार पेड़ पौधे लगाए हैं. साथ ही सैकड़ों की संख्या में इमारती पेड़ भी लगाए. फलदार वृक्षों से प्रतिवर्ष इन लोगों को लगभग 2 से 3 लाख रुपए की आमदनी होने लगी.

2 से 3 लाख प्रतिवर्ष कमाई

इस संबंध में किसान राजेंद्र प्रसाद के बेटे सच्चिदानंद प्रसाद ने बताया कि उनकी जमीन में लगभग दो सौ नींबू के पौधे, 300 आम के पेड़, 300 अमरूद के पेड़, 200 आंवला के पेड़ समेत हजारों की संख्या में सागवान के पेड़ लगे हुए हैं. फलदार वृक्षों से प्रतिवर्ष लगभग 2 से 3 लाख रुपए की आमदनी आसानी से हो जाती है.

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लोगों के लिए बने प्रेरणा स्रोत

राजेंद्र प्रसाद की ओर से लगाए गए बागान को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. लातेहार नगर पंचायत के उपाध्यक्ष नवीन सिन्हा भी बागान को देखने और उससे सीख लेने आए. नवीन सिन्हा ने कहा कि यह बागान अपने आप में एक मिसाल है. इससे जहां रोजगार का बेहतर साधन मिल रहा है. वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बच रहा है. उन्होंने कहा कि वह भी अपनी भूमि पर इसी प्रकार पेड़ पौधे लगाएंगे.

कई लोगों को मिली सीख

किसान राजेंद्र प्रसाद की ओर से उठाए गए इस सकारात्मक कदम के बाद आसपास के कई अन्य लोगों ने भी अपने बंजर पड़ी भूमि में बागवानी का कार्य आरंभ कर दिया है. बागवानी से आज क्षेत्र के कई परिवार अच्छी आमदनी भी करने लगे हैं. खेती और बागवानी रोजगार के बेहतर विकल्प हो सकते हैं. इस बात को चरितार्थ कर दिखाया है लातेहार के मोंगर गांव निवासी किसान ने. जरूरत इस बात की है कि अन्य किसान भी इनसे सीख ले कर अपने बंजर पड़ी भूमि का सही उपयोग करें. ताकि आय दुगनी करने के लिए उन्हें सरकार के भरोसे न रहना पड़े.

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