लातेहारः वैसे तो छोटनागपुर की रानी (Queen of Chotanagpur) कहे जाने वाले नेतरहाट की पहचान इसकी खूबसूरत वादियों और नैसर्गिक सौंदर्य के लिए है. लेकिन नाशपाती की खेती भी नेतरहाट की एक अलग पहचान है. जुलाई के महीने में नेतरहाट की वादियों में नाशपाती की मिठास ऐसी फैल जाती है जो देश के कोने कोने में पहुंचकर लोगों का स्वाद बदल देती है.
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नेतरहाट की वादियां नाशपाती की खेती के लिए काफी अनुकूल है. ऐसे में यहां सरकारी स्तर से लेकर निजी स्तर तक बड़े पैमाने पर नाशपाती की खेती की जाती है. यही वजह है कि जुलाई और अगस्त के महीने में नेतरहाट में हजार टन से भी अधिक नाशपाती का उत्पादन होता है और इसका बड़े पैमाने पर व्यवसाय भी किया जाता है. जुलाई के महीने में नाशपाती का फल पूरी तरह तैयार हो जाता है, उसके बाद इसकी बिक्री आरंभ होती है.
सरकारी स्तर पर भी होती है खेतीः नेतरहाट में सरकारी स्तर पर भी बड़े पैमाने पर नाशपाती की खेती की जाती है. नेतरहाट में सरकारी स्तर पर लगभग 100 एकड़ भूमि में नाशपाती की खेती की जा रही है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर खेती के लिए सरकारी स्तर पर और भी योजना बनाई गयी है. सरकारी भूमि पर लगाए गए नाशपाती की बिक्री निविदा के माध्यम से की जाती है. उसके बाद जो भी निविदादाता होता है, वह सरकारी बागान में लगी नाशपाती को तोड़कर उसे देश के कोने कोने तक भेजते हैं. इस संबंध में व्यवसायी फिरोज ने बताया कि टेंडर के माध्यम से नाशपाती की खेती की नीलामी की जाती है और नीलामी के बाद ही इसकी तोड़ाई और बिक्री की जाती है.