लातेहार/रांचीः झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा से सटे बूढ़ा पहाड़ पर बरसात में भी घमासान मचा है. नक्सलियों के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इस इलाके में पिछले एक सप्ताह से जिला पुलिस, जगुआर, कोबरा और सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों की हिमाकत का हिसाब ले रहे हैं. Budha Pahad Palamu पर नक्सलियों की नकेल कसने के लिए चलाए जा रहे अभियान के बीच से कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं, जिसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. बहरहाल बूढ़ा पहाड़ की घेराबंदी कर दी गई है. लातेहार एसपी ,पलामू एसपी और गढ़वा एसपी भी अभियान में शामिल हो रहे हैं.
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बीहड़ में नदी पार कर नक्सलियों की मांद में घुसी पुलिसःनक्सलियों के खात्मे के संकल्प को लेकर बूढ़ा पहाड़ ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ऑपरेशन की कुछ तस्वीरें जंगल से निकलकर बाहर आई हैं, जिसे देखकर आप यहां अंदाजा लगा सकते हैं कि झारखंड पुलिस और केंद्रीय बल के जवान किस कदर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं. नक्सलियों के ठिकाने की सूचना मिलने पर सुरक्षा बल नदी और नालों को भी पार करने से नहीं चूक रहे हैं.
लातेहार से सटे बॉर्डर इलाके से एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें जवान नक्सलियों की मांद में जाने के लिए नदी को पार कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बाकायदा पहले नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक रस्सी बांधी है और फिर एक-एक करके सभी जवान अपने हथियार को सुरक्षित रखते हुए नदी पार कर रहे हैं.
बड़ा अभियान जारीः गौरतलब है कि बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिला पुलिस, जगुआर, कोबरा और सीआरपीएफ के जवानों ने संयुक्त रूप से मेगा ऑपरेशन शुरू किया है. ऑपरेशन को लेकर भारी संख्या में जगुआर की एसाल्ट ग्रुप, कोबरा और सीआरपीएफ के जवान लगाए गए हैं. पुलिस जवानों के क्षेत्र में लगातार ऑपरेशन के कारण सीमित क्षेत्र में ही नक्सली सिमट गए हैं. अब इस इलाके को भी मुक्त कराने की कवायद की जा रही है.
प्रमोद मिश्रा के बूढ़ा पहाड़ पहुंचने की भनकः माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रमोद मिश्रा के बूढ़ा पहाड़ पहुंचने की भनक भी पुलिस को लगी है. हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, फिलहाल बूढ़ा पहाड़ में कमांडर मारकुस बाबा उर्फ सौरभ, छोटू खेरवार, रंथू, नवीन यादव, सर्वजीत यादव और मृत्युंजय अन्य नक्सलियों के साथ मौजूद हैं. बूढ़ा पहाड़ नक्सलियों के लिए अब तक सबसे सुरक्षित पनाहगाह रहा है.
गढ़वा-लातेहार के दुर्गम इलाके में स्थित यह पहाड़ की सीमा छत्तीसगढ़ से लगी है. नक्सलियों पर जब भी दबाव बढ़ता है तो वे यहीं से छत्तीसगढ़ की ओर से आना जाना करते हैं, उनकी आवाजाही रोकने के लिए गढ़वा, छत्तीसगढ़ और लातेहार के तटीय इलाकों में पुलिस की दबिश बढ़ा दी गई है. सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रमोद की गतिविधि पर भी पुलिस की खास नजर है.