लातेहार: वैसे तो कोरोना वायरस काल ने समाज के हर तबके को नुकसान पहुंचाया है. हालांकि यह समय बेतला नेशनल पार्क के लिए फायदेमंद साबित हुआ. पार्क बंद रहने के कारण भले ही राजस्व का नुकसान हुआ हो, लेकिन पार्क में जानवरों की संख्या में इजाफा हुआ है. जानवरों के छोटे-छोटे बच्चों से आज पार्क गुलजार है.
कोरोना काल में बढ़ी बेतला पार्क की रौनक, जानवरों के बच्चों की संख्या में हुआ इजाफा - लातेहार में जानवरों की संख्या
देशभर में लॉकडाउन लगने के बाद बेतला नेशनल पार्क को भी बंद कर दिया गया था. इस दौरान पार्क में पर्यटकों के आवागमन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया. पार्क में बाहरी लोगों के आवागमन नहीं रहने के कारण बाहरी कोलाहल बिल्कुल नहीं रहा. इसका प्रतिफल हुआ कि जानवरों का प्रजनन काफी बढ़ा. इससे पार्क में जानवरों की संख्या में अन्य वर्षो की अपेक्षा काफी अधिक इजाफा होने की संभावना बन गई है.
शांत वातावरण में होता है जानवरों का प्रजनन
जानवरों का प्रजनन शांत वातावरण में ही होता है यानि कोलाहल या भीड़भाड़ होने पर जानवरों का प्रजनन नहीं होता है. लॉकडाउन के दौरान जब पार्क में पर्यटकों के आगमन पर रोक लगी, तो पार्क का माहौल पूरी तरह शांत रहा.
3 माह तक रहता था पार्क बंद
बरसात के दिनों में जानवरों के प्रजनन को लेकर प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पार्क को सरकारी स्तर पर बंद रखा जाता था. हालांकि इस वर्ष लॉकडाउन के कारण 6 माह से अधिक समय तक पार्क बंद रहा. इससे जानवरों की संख्या में इजाफा हुआ.
क्या कहते हैं रेंजर
बेतला नेशनल पार्क के रेंजर प्रेम प्रकाश ने कहा कि लॉकडाउन के कारण जानवरों के प्रजनन में इजाफा हुआ. इस कारण पार्क में जानवरों के छोटे-छोटे बच्चे काफी अधिक दिखाई दे रहे हैं. यह काफी सुखद पहलू है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बच्चों की संख्या में और अधिक बढ़ोतरी होगी.