लातेहारः सरकार एक ओर आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त कर देश के नौनिहालों को बेहतर भविष्य देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है. सरकार की यह योजना लातेहार जैसे पिछड़े जिला में सफल नहीं हो पा रही है. जिला के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र सुविधा विहीन है. आंगनबाड़ी जाने वाले नौनिहालों को खुले में शौच जाने की ट्रेनिंग मिलती है.
300 केंद्र में नहीं है शौचालय लातेहार जिला में कुल 900 आंगनबाड़ी केंद्र है. कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश केंद्र सुविधा विहीन है. सरकारी आंकड़े में ही जिला के 300 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. केंद्र में शौचालय नहीं होने के कारण यहां आने वाले नौनिहालों को खुले में शौच से होने वाली हानि की जानकारी भी नहीं दी जा सकती है. क्योंकि शौचालय के अभाव में केंद्र की सहिया और सहायिका ही बच्चों को मजबूरी में खुले में शौच के लिए जाने कहती हैं.
800 से अधिक केंद्रों में नहीं पहुंची बिजली
जिला के 800 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में आज तक बिजली की व्यवस्था नहीं हो पाई है. ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि जिला के आंगनबाड़ी केंद्र में नौनिहालों को बेहतर भविष्य तराशने में कितना सफल हो पाएंगे. जिला की 100 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे भी हैं जहां पानी की भी सुविधा नहीं है.
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गंदगी के बीच बसा मोंगर का आंगनबाड़ी केंद्र
लातेहार सदर प्रखंड के मोंगर गांव में बना आंगनबाड़ी केंद्र चारो तरफ गंदगी से घिरा रहता है. केंद्र तक जाने के लिए बच्चों को नालियों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है. केंद्र के चारों ओर गंदा नाला का पानी बहता रहता है. इस केंद्र की हालत भी इतनी जर्जर है कि बच्चों की सुरक्षा भी हमेशा भगवान भरोसे रहती है. इसी गांव के बैगा टोला में भी आंगनबाड़ी केंद्र है इसके अंदर में भी ना तो शौचालय है ना पेयजल की व्यवस्था और नहीं बिजली की व्यवस्था है. यहां की सेविका अनीता देवी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र का भवन जर्जर है, पानी की भी सुविधा नहीं है. शौचालय नहीं रहने के कारण बच्चे बाहर जाते हैं. वहीं मोंगर की आंगनबाड़ी सेविका भारती देवी ने कहा कि उनका केंद्र भी काफी जर्जर है, मरम्मत की दरकार है.
केंद्रों को सशक्त करने की विभाग कर रहा तैयारी
इस संबंध में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रीति कुमारी ने बताया कि लातेहार जिला के 900 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 800 से अधिक बिजली विहीन है. 300 से अधिक केंद्रों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. विभाग वरीय अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता कर आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त करने की योजना बना रही है.