पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को लगातार झटके लग रहे हैं. पिछले दो दिनों के अंदर माओवादियों का एक इलाके से सफाया हो गया है और उनके टॉप पांच कमांडर मारे गए हैं. पुलिस और सुरक्षाबलों के अभियान में माओवादियों का टॉप कमांडर काजेश गंझू लातेहार से गिरफ्तार हुआ है. काजेश गंझू लातेहार के चंदवा के हेसला का रहने वाला है.
टॉप इनामी माओवादी कमांडर काजेश गंझू गिरफ्तार, ऑपरेशन डबल बुल में रबिन्द्र गंझू के साथ था बच निकला
लातेहार पुलिस ने ऑपरेशन डबल बुल के दौरान बच निकले माओवादी कमांडर काजेश गंझू को गिरफ्तार कर लिया है. राज्य सरकार ने उसके उपर 10 लाख का इनाम रखा था.
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि काजेश गंझू इलाके में आया हुआ है, इसी सूचना के आलोक में पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार करने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही है. फिलहाल काजेश के बारे में कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ नहीं बता रहा है, उसे अज्ञात स्थान पर रखा गया और पूछताछ जारी है.
पूछताछ में मिली जानकारी के बाद पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों ने लातेहार लोहरदगा सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान भी शुरू किया है. काजेश माओवादियों का सबजोनल कमांडर है, झारखंड सरकार ने काजेश पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा है. काजेश गंझू पर लोहरदगा, लातेहार, गुमला और चतरा के इलाके में कई नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोप है. 15 लाख के इनामी माओवादी रबिन्द्र गंझू के दस्ते में काजेश सबजोनल कमांडर था.
काजेश कई बड़े नक्सल हमले में शामिल रहा है, चुनाव के दौरान लातेहार की लुकईया मोड़ पर पीसीआर वैन पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस हमले में पुलिस के चार जवान शहीद हुए थे, इस हमले में काजेश मुख्य आरोपी में से एक है. हाल के दिनों में रेलवे के फ्रेट कॉरिडोर पर रबिन्द्र गंझू के दस्ते ने हमला किया था, इस हमले में भी काजेश गंझू पर शामिल रहने का आरोप है. काजेश को पुलिस सुरक्षा एजेंसिया लंबे समय से तलाश कर रही थी. इसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है.