गुमला/लातेहारः नई पेंशन नीति के खिलाफ सरकारी कर्मी एकजुट होकर आंदोलन की राह पकड़ रहे हैं. इसी कड़ी में गुमला में नई पेंशन नीति के विरोध में 'पेंशन पर समर्थन' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें नई और पुरानी पेंशन योजना में अंतर बताया गया. वहीं, लातेहार में इसी मुद्दे में आम लोगों के साथ जन आंदोलन खड़ा करने के लिए सरकारी कर्मियों ने कार्यशाला का आयोजन किया.
गुमला में नई और पुरानी पेंशन योजना का बताया गया अंतर
गुमला के जिला मुख्यालय स्थित हाई स्कूल के सभागार में पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति जिला इकाई गुमला के बैनर तले पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन 'पेंशन पर समर्थन' का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें विभिन्न कर्मचारी संघ के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में पुरानी पेंशन और नई पेंशन योजना में अंतर के संबंध में चर्चा करते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की गई.
नई पेंशन योजना में है कई विसंगतियां
इस संबंध में संघर्ष समिति गुमला के जिला संयोजक ने बताया कि केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2004 के बाद और झारखंड राज्य सरकार ने 30 अप्रैल 2004 के बाद संपूर्ण देश और राज्यों में भी पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर नई पेंशन योजना लागू की है. नई पेंशन योजना में कई विसंगतियां हैं, इसका पता तब चल रहा है जब लोग 14 -15 सालों तक नौकरी करने के बाद सेवानृवित हो रहे हैं, उनका पेंशन सरकार पांच से 700 रुपए तय कर रही है. ऐसे में जो पेंशन बन रहा है, उस पर इतनी कम राशि लोगों को प्राप्त हो रही है. जिससे बिजली का बिल भी चुकाना मुश्किल हो रहा है.
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लातेहार में आंदोलन खड़ा करने के लिए कार्यशाला
लातेहार में सरकारी कर्मियों ने कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में सभी ने कहा कि सरकार, सरकारी कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा छीनने का पाप न करें. सरकार को नई पेंशन नीति को बंद कर पुरानी पेंशन योजना को चालू करने के लिए जन दबाव बनाने के लिए आम लोगों के साथ कर्मचारी अपना दुखड़ा सुना रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर रविवार को आम लोगों के साथ कार्यशाला का भी आयोजन किया गया.
नई पेंशन योजना शेयर मार्केट पर आधारित
इस संबंध में आंदोलन में मुख्य भूमिका निभा रहे शिक्षक हीरा यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में उन्हें भविष्य की चिंता नहीं होती थी, लेकिन नई पेंशन योजना पूरी तरह शेयर मार्केट पर आधारित है. जिससे उनका भविष्य अनिश्चितता के दौर में चला गया है. वहीं, पूरे आंदोलन के संयोजक प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि सरकार से हम बस एक ही मांग करते हैं कि हमारे बुढ़ापे के सहारा को हमें वापस करें और अपने नए पेंशन नीति को अपने पास रखें.
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क्या है पुरानी पेंशन योजना
* पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है.
* जीपीएफ सुविधा उपलब्ध है.
* एक सुरक्षित पेंशन योजना है.
* रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन जो अंतिम मूल वेतन के 50% की गारंटी है.
* 6 माह बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू होता है.
* इसके अंतर्गत प्राप्त पेंशन पर हर 10 वर्ष के बाद वेतन आयोग का लाभ प्राप्त होता है.
* रिटायरमेंट के समय 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलती है.
* सेवा के दौरान मृत्यु होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है.
* सरकार द्वारा ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाता है.
* रिटायरमेंट पर जीपीएफ के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है.
* रिटायरमेंट के समय जीपीएफ फंड से किसी प्रकार का इन्वेस्ट पेंशन के लिए नहीं करना पड़ता है.
* 40% पेंशन कंप्यूटेशन का प्रावधान है.
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क्या है नयी पेंशन योजना
* पेंशन के लिए वेतन से 10% की कटौती होती है.
* जीपीएफ सुविधा उपलब्ध नहीं है.
* शेयर बाजार आधारित असुरक्षित योजना है.
* रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है.
* छह माह बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.
* इसके अंतर्गत प्राप्त पेंशन हर 10 साल के बाद वेतन आयोग का लाभ प्राप्त नहीं होगा.
* रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान.
* सेवा के दौरान मृत्यु होने पर फैमिली पेंशन का अस्थाई प्रावधान.
* शेयर बाजार के आधार पर भुगतान किया जाएगा.
* इसके अंतर्गत सेवानिवृत्ति पर 40% से अधिक राशि की निकासी पर इनकम टैक्स देना होगा.
* रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का न्यूनतम 40% पेंशन के लिए इन्वेस्ट करना पड़ेगा.
* इसमें पेंशन कम्युनिकेशन का प्रावधान नहीं है.