लातेहार:कहा जाता है कि सड़क किसी भी इलाके की विकास की पहली पहचान होती है. अच्छी सड़क आम लोगों की सरकार से पहली मांग भी होती है लेकिन, लातेहार जिला मुख्यालय के बानपुर से इचाक और पोचरा पंचायत को जोड़ने वाली सड़क की जर्जर स्थिति विकास को मुंह चिढ़ा रही है. दरअसल, लातेहार जुबली चौक से बानपुर होते हुए दुगला गांव को जोड़ने वाली जिला मुख्यालय की महत्वपूर्ण सड़क आज पूरी तरह से जर्जर हो गई है. जिला मुख्यालय को एक दर्जन से अधिक गांव से जोड़ने वाली यह सड़क पूरी तरह बदहाल है. स्थिति यह है कि पहली बारिश में ही सड़क पूरी तरह जलमग्न हो गई और इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया . इस पथ से गुजरने वाली वाहनों को खतरों से खेलते हुए गुजरना पड़ता है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं. पानी भरने के बाद ये गड्ढे काफी खतरनाक और जानलेवा बन गए हैं.
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कई सालों से खराब पड़ी है सड़क:स्थानीय लोगों की मानें तो यह सड़क पिछले कई सालों से इसी हालत में खराब पड़ी हुई है. हर साल स्थानीय लोग अपने स्तर से मिट्टी डलवा कर सड़क को किसी प्रकार चलने लायक बनाते हैं लेकिन, बारिश आने के बाद सड़क की स्थिति फिर से जर्जर हो जाती है. स्थानीय निवासी निशांत कुमार ने कहा कि इस सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. सड़क खराब रहने के कारण अक्सर यहां दुर्घटना भी होते रहती है. स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार नगर पंचायत और जिला प्रशासन से सड़क की मरम्मत कराने की मांग भी की जाती है लेकिन, आज तक सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला.
दर्जनों गांव को जिला मुख्यालय से जोड़ती है सड़क:बताया जाता है कि लातेहार के लगभग एक दर्जन गांव को यह सड़क जिला मुख्यालय (Latehar District Headquarters) से जोड़ती है. इस सड़क पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है. इसके बावजूद सड़क की मरम्मत के प्रति प्रशासनिक और नगर पंचायत की उदासीनता लोगों को काफी खटक रही है.
वार्ड पार्षद 3 सालों से उठा रहे हैं सड़क का मामला: इधर इस संबंध में वार्ड पार्षद जितेंद्र कुमार पाठक ने कहा कि यह लातेहार जिला मुख्यालय का अति महत्वपूर्ण सड़क है. यह सड़क पिछले कई सालों से जर्जर है. वह भी सड़क की मरम्मत करने के लिए नगर पंचायत बोर्ड की बैठक में पिछले 3 सालों से लगातार आवाज उठा रहे हैं. इसके बावजूद नगर पंचायत के द्वारा इस महत्वपूर्ण सड़क के मरम्मत के प्रति कोई योजना नहीं बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि बरसात में तो स्थिति इतनी बद्तर हो जाती है कि यदि को बीमार पड़ जाए तो उसे अस्पताल लाना भी मुश्किल हो जाता है.