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Lightning in Latehar: वज्रपात से गयी महिला की जान, खेत में काम करने के दौरान हुआ हादसा

लातेहार में वज्रपात से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी. महुआडांड़ प्रखंड स्थित कुकुदपाठ गांव में वज्रपात की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई. खेत में काम करने के दौरान ये हादसा हुआ है.

Lightning in Latehar woman died due to thunderclap
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 4, 2023, 5:52 PM IST

लातेहारः जिले के महुआडांड़ प्रखंड स्थित कुकुदपाठ गांव में वज्रपात की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई. महिला की पहचान कुकुदपाठ गांव निवासी दोडमा नगेशिया (70 वर्ष) के रूप में हुई है.

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वज्रपात की घटना को बताया जा रहा है कि सोमवार को महिला अपने खेत में काम करने गई थीं. इसी दौरान अचानक बारिश होने लगी. बारिश से बचने के लिए जब तक महिला खेत से किसी सुरक्षित स्थान तक पहुंचतीं, उससे पहले ही अचानक वज्रपात हो गई और महिला उसकी चपेट में आ गईं. महिला जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ीं. इधर घटना के बाद आसपास के कुछ अन्य लोग दौड़कर महिला के पास गए तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.

इसके बाद ग्रामीणों ने घटना की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के अधिकारियों को दी. सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए लातेहार सदर अस्पताल भेज दिया गया. प्रशासनिक अधिकारियों ने महिला के परिजनों को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आपदा प्रबंधन के तहत सरकारी प्रावधान के अनुसार मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा मिल सकेगा.

जरूरत बारिश की पर हो रही वज्रपातः लातेहार जिले में इस वर्ष काफी कम मात्रा में बारिश होने के कारण किसानों के फसल बर्बाद हो रहे हैं. जिन खेतों में धान लगे हैं, उन खेतों में पानी की अति आवश्यकता है. लेकिन लातेहार जिले में बारिश के बदले वज्रपात हो रही है. स्थानीय लोगों की मानें तो जिले में इस वर्ष काफी कम बारिश हुई है. लेकिन वज्रपात की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है. हल्की बारिश होने के बाद भी वज्रपात की घटना लगातार हो रही है.

वज्रपात से बचाव को लेकर नहीं चलाई जाती जागरूकता अभियानः बता दें कि लातेहार जिले के बड़े हिस्से को वज्रपात प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. बारिश के मौसम में वज्रपात की घटना से प्रत्येक वर्ष कई ग्रामीणों की मौत हो जाती है. अधिकांश ग्रामीण की मौत बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे छुपाने के कारण होती है. अभी भी कई ग्रामीणों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि बारिश के दौरान पेड़ के नीचे रहना सबसे खतरनाक होता है. इस संबंध में प्रशासनिक स्तर पर ग्रामीणों के बीच कोई जागरूकता अभियान भी नहीं चलाई जाती है. अगर ग्रामीणों के बीच जागरुकता अभियान चलाया जाए और उन्हें बताया जाए कि बारिश होने के समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए? तो शायद वज्रपात की चपेट में आकर जान कमाने वाले लोगों की संख्या में कमी आएगी.

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