झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

लातेहार पुलिस ने 15 एकड़ में लगे अफीम की खेती को किया नष्ट, किसान की तलाश - Latehar news

लातेहार में अवैध अफीम की खेती (Illegal opium cultivation in Latehar) पर लगाम लाने को लेकर प्रशासन सख्त है. यही वजह है कि पुलिस ने 15 एकड़ में लगे अवैध अफीम की खेती को बर्बाद कर दिया है.

opium cultivation
ट्रैक्टर से अफीम की खेती को किया बर्बाद

By

Published : Dec 29, 2022, 12:50 PM IST

Updated : Dec 29, 2022, 1:11 PM IST

अफीम की खेती पर लातेहार पुलिस की कार्रवाई

लातेहार:जिला में अफीम तस्कर सक्रिय हैं. लेकिन पुलिस भी अफीम तस्करों पर नकेल कसने को लेकर लगातार अभियान चला रही है. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बारियातू और हेरहंज प्रखंड में छापेमारी की और 15 एकड़ भूमि में लगे अवैध अफीम की खेती को नष्ट (Latehar police destroyed opium cultivation) कर दिया. हालांकि, इस अभियान के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. लेकिन पुलिस किसान की तलाश में जुट गई है.


यह भी पढ़ें:खूंटी प्रशासन अवैध अफीम को लेकर सख्त, अब खेती करने वाले के खिलाफ होगी प्राथमिकी दर्ज

गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी:एसपी अंजनी अंजन को गुप्त सूचना मिली कि हेरहंज प्रखंड के आशुवे गांव और बरियातू प्रखंड के गांव में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है. इस सूचना के बाद एसपी के निर्देश पर जिला पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम बनाई, जो दोनों प्रखंड में छापेमारी की और अफीम की खेती (Illegal opium cultivation in Latehar) पर ट्रैक्टर चला कर नष्ट कर दिया.

15 एकड़ अफीम की खेती बर्बाद :पुलिस इस जांच में भी जुट गई है कि कौन लोग अफीम की खेती में संलिप्त हैं. जांच के बाद दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर अफीम की खेती के खिलाफ कार्रवाई की गई और लगभग 15 एकड़ में लगे अफीम की खेती को नष्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि अफीम की खेती में संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बड़े पैमाने पर होती है अफीम की खेती:जिले के बालूमाथ, बारियातू और हेरहंज प्रखंड के अलावा कुछ अन्य प्रखंडों में भी अपराधी अफीम की खेती पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं. कम समय में बेहतर मुनाफा की सोच रखने वाले अपराधी प्रवृत्ति के लोग भोले-भाले ग्रामीणों को इस जाल में फंसाते हैं. तस्करों के लुभावने लालच में फंसकर ग्रामीण भी अफीम की खेती में लग जाते हैं. हालांकि पुलिस द्वारा लगातार अफीम की खेती के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. लेकिन अफीम की खेती करने या करवानने वाले मास्टरमाइंड पुलिस के चंगुल से बच निकलते हैं.

नक्सलियों का भी होता है समर्थन :बताया जाता है कि अफीम तस्करों को नक्सलियों का भी पूरा समर्थन प्राप्त होता है. कुछ नक्सली संगठन के संरक्षण में भी कई गांव में अफीम की खेती की जाती है. नक्सली और अपराधियों के गठजोड़ के कारण आम ग्रामीण इसका विरोध नहीं कर पाते हैं. हालांकि अफीम की खेती मुख्य रूप से घने जंगलों से बहने वाली नदी नालों के किनारे की जाती है.

जनप्रतिनिधियों को किया जा रहा है जागरूक:जानकारी के अनुसार सरकारी प्रावधान यह है कि नशे के इस कारोबार की सूचना प्रशासन तक पहुंचाने की जिम्मेवारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मियों की भी है. यदि स्थानीय जनप्रतिनिधि या स्थानीय सरकारी कर्मी इसकी सूचना प्रशासन को नहीं देते हैं तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है. ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है, ताकि अफीम की खेती होने की सूचना तत्काल प्रशासन तक पहुंचे. अफीम की खेती भले ही ग्रामीणों को थोड़ा समय के लिए आर्थिक लाभ दिला दे, परंतु यह समाज के आने वाले नस्ल को बर्बाद कर देगा. ऐसे में ग्रामीणों को भी जागरूक होकर नशे के इस कारोबार को रोकने के लिए आगे आने की जरूरत है.

Last Updated : Dec 29, 2022, 1:11 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details