लातेहार: आम लोगों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से भूमि सर्वे की रिपोर्ट को ऑनलाइन किया गया है. लेकिन डिजिटल इंडिया का यह रूप लातेहार जिले के नचना गांव के ग्रामीणों के लिए अभिशाप बन गया है. सरकारी उदासीनता के कारण जिले के इस गांव का भूमि सर्वे ऑनलाइन नहीं हो पाया. ऐसे में विगत 3 सालों से ग्रामीणों का जीवन ठप पड़ गया है.
ये भी पढ़ें-लातेहार में बिना पूंजी लगाए अच्छी कमाई कर रहे ग्रामीण, महुआ के सहारे कट रही जिंदगी
सरकारी सहायता से वंचित
जिला के लगभग सभी गांव का सर्वे कर 3 साल पहले ही भूमि सर्वे को ऑनलाइन कर दिया गया. जिसके बाद सरकारी गाइडलाइन जारी की गई कि अब ग्रामीणों को किसी भी प्रकार के सरकारी लाभ के लिए भूमि की ऑनलाइन रसीद जमा करनी होगी. लेकिन जिला के बरियातू प्रखंड अंतर्गत नचना गांव का सर्वे आज तक ऑनलाइन नहीं किया गया. ऐसे में सरकारी गाइडलाइन के कारण इस गांव के ग्रामीणों को लगभग सभी प्रकार की सरकारी सहायता से वंचित होना पड़ रहा है.
नहीं बन रहा है किसी प्रकार का प्रमाण पत्र
नचना गांव के ग्रामीणों के भूमि का ऑनलाइन रसीद नहीं करने के कारण उनका किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहा है. सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए कई स्थान पर जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है. इन प्रमाण-पत्रों को बनाने के लिए भूमि की रसीद की जरूरत होती है. लेकिन सर्वे ऑनलाइन नहीं होने के कारण यहां के ग्रामीणों को ना तो रसीद मिल पा रहा है और ना ही किसी प्रकार का कोई प्रमाण पत्र बन पा रहा है. ग्रामीण अमित भुइयां, राजमुनि देवी ने कहा कि प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण उन लोगों का विकास पूरी तरह से रूक गया है.
आदिवासी और दलित बहुल है नचना गांव