लातेहार: जिले के बालूमाथ प्रखंड के चमातू गांव में मंगलवार की शाम वज्रपात से 24 बकरियों की मौत हो गई है. साथ ही आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई हैं. जानकारी के अनुसार बकरियां खेत में घास चर रही थी. इस दौरान बारिश शुरू हो गई थी. इसी बीच देखते ही देखते जोरदार आवाज के साथ वज्रपात हो गया. जिसकी चपेट में आने से मौके पर ही 24 बकरियां मर गई. वहीं घटना से पशुपालकों को भारी नुकसान हुआ है.
Thunderclap In Latehar: लातेहार में आसमानी बिजली का कहर, वज्रपात से 24 बकरियों की मौत, महिला भी झुलसी
लातेहार में आकाशीय बिजली ने कहर बरपाया है. वज्रपात से दो दर्जन बकरियों की मौत हो गई है. घटना से पशुपालकों को काफी नुकसान हुआ है. पशुपालकों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. वहीं वज्रपात की दूसरी घटना में एक महिला गंभीर रूप से झुलस गई है.
Published : Sep 26, 2023, 9:39 PM IST
पशुपालकों ने प्रशासन से मुआवजा देने की लगायी गुहारः बताया जाता है कि चमातू गांव निवासी नागेश्वर गंझु की छह बकरियां, भादे गंझु की 11 बकरियां, महावीर गंझु की पांच बकरियां और ननकू गंझु की दो बकरियों की मौत हुई है. घटना की जानकारी मिलते ही पशुपालक भागते हुए खेत की ओर पहुंचे. जहां खेत में सभी बकरियां मृत अवस्था में पड़ी थी. इसके बाद घटना की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दी गई. इस दौरान पशुपालकों और किसानों ने कहा कि एक तो समय पर बारिश नहीं होने के कारण उनके खेत बंजर पड़े रह गए, वहीं दूसरी ओर अब वज्रपात से पशुओं की मौत हो रही है. ऐसे में किसानों और पशुपालकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. स्थानीय किसानों ने जिला प्रशासन से आपदा प्रबंधन के तहत उचित मुआवजा देने की मांग की है.
हंबु गांव में वज्रपात में महिला घायलःवहीं वज्रपात की दूसरी घटना बालूमाथ के हंबु गांव में हुई. यहां देर शाम वज्रपात होने से रशीदा खातून नामक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई हैं. बताया जाता है कि बारिश होने के बाद महिला अपने घर के अंदर दरवाजे के पास बैठी थी. इसी दौरान अचानक वज्रपात हुआ और इसकी चपेट में आने से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. घटना के बाद घायल महिला के परिजनों ने बालूमाथ अस्पताल पहुंचाया है. जहां फिलहाल उसका इलाज चल रहा है.
वज्रपात से हर साल जाती है लोगों की जानः लातेहार जिला वज्रपात प्रभावित इलाके में शामिल है. यहां बारिश होने पर वज्रपात की संभावना काफी अधिक होती है. जिले में प्रत्येक वर्ष वज्रपात की चपेट में आने से लोगों की मौत होती है. हालांकि प्रशासन की ओर से समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता है. लेकिन जागरुकता की कमी के कारण हर वर्ष लोग आकाशीय बिजली का शिकार हो जाते हैं.