लातेहारः स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के सभी गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने की योजना चल रही है. लातेहार में इस योजना में फर्जीवाड़ा देखने को मिल रहा है. फर्जीवाड़े का आलम यह है कि इस अभियान को धरातल पर उतारने के बदले कागज में ही पूरा कर, गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है.
यह हकीकत है जिले के सोतम गांव की. सरकारी स्तर पर इस गांव को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित कर दिया गया है. बोर्ड भी लगा दिए गए हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि इस गांव के दर्जनों ऐसे लोग हैं, जिनके घर में आज तक शौचालय नहीं बन पाया है.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी गांव को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए, हर गांव के हर घर में शौचालय बनाने और गांव को खुले में शौच मुक्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते रहते हैं. प्रधानमंत्री की आंखों में धूल झोंकने के लिए अधिकारी बिना धरातल पर शौचालय बनाए ही कागज पर गांव को ओडीएफ घोषित कर दे रहे हैं.
सभी घरों में शौचालय होने पर ही मिलता है, ओडीएफ का प्रमाण पत्र
दरअसल ओडीएफ गांव का प्रमाण पत्र उन्हीं गांवों को दिया जाता है, जिस गांव में सभी लोगों के घर में शौचालय हो. गांव को ओडीएफ घोषित करने से पहले पूरे गांव का कई स्तर पर सर्वे किया जाता है. अंत में जब पूरी तरह साबित हो जाता है कि गांव का एक भी घर शौचालय से वंचित नहीं है, तभी उस गांव को ओडीएफ घोषित किया जाता है. लेकिन लातेहार में सिर्फ कागजी उपलब्धि के लिए, बिना शौचालय बनाए ही गांव को ओडीएफ घोषित करने का प्रचलन इन दिनों बढ़ गया है.