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लातेहारः खुले में शौच जाने को मजबूर हैं लोग, लेकिन गांव है ODF घोषित

लातेहार में स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर फर्जीवाड़ा का काम चल रहा है. कागज में सारे काम कर गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है. भोले- भाले ग्रामीणों को खबर भी नहीं होती और उनका गांव ओडीएफ घोषित हो जाता है.

एक तरफ ओडीएफ गांव का बोर्ड और दूसरी तरफ खुले में शौच के लिए जाता ग्रामीण

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Published : Aug 13, 2019, 2:32 PM IST

लातेहारः स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के सभी गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने की योजना चल रही है. लातेहार में इस योजना में फर्जीवाड़ा देखने को मिल रहा है. फर्जीवाड़े का आलम यह है कि इस अभियान को धरातल पर उतारने के बदले कागज में ही पूरा कर, गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है.

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यह हकीकत है जिले के सोतम गांव की. सरकारी स्तर पर इस गांव को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित कर दिया गया है. बोर्ड भी लगा दिए गए हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि इस गांव के दर्जनों ऐसे लोग हैं, जिनके घर में आज तक शौचालय नहीं बन पाया है.

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी गांव को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए, हर गांव के हर घर में शौचालय बनाने और गांव को खुले में शौच मुक्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते रहते हैं. प्रधानमंत्री की आंखों में धूल झोंकने के लिए अधिकारी बिना धरातल पर शौचालय बनाए ही कागज पर गांव को ओडीएफ घोषित कर दे रहे हैं.

सभी घरों में शौचालय होने पर ही मिलता है, ओडीएफ का प्रमाण पत्र

दरअसल ओडीएफ गांव का प्रमाण पत्र उन्हीं गांवों को दिया जाता है, जिस गांव में सभी लोगों के घर में शौचालय हो. गांव को ओडीएफ घोषित करने से पहले पूरे गांव का कई स्तर पर सर्वे किया जाता है. अंत में जब पूरी तरह साबित हो जाता है कि गांव का एक भी घर शौचालय से वंचित नहीं है, तभी उस गांव को ओडीएफ घोषित किया जाता है. लेकिन लातेहार में सिर्फ कागजी उपलब्धि के लिए, बिना शौचालय बनाए ही गांव को ओडीएफ घोषित करने का प्रचलन इन दिनों बढ़ गया है.

नहीं बने शौचालय

सदर प्रखंड के सोतम गांव के देवलाल राम, ब्रह्मदेव लोहरा, ईश्वर देव लोहरा, देवलाल भुइयां, रामलाल सिंह, प्रेमचंद सिंह, चलितर सिंह, किशुन देव सिंह समेत कई दूसरे ऐसे ग्रामीण हैं, जिनके घर में आज तक शौचालय बना ही नहीं. इसके बावजूद पूरे गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. इस संबंध में ग्रामीण देवलाल राम ने कहा कि उन्हें शौचालय निर्माण के लिए कोई मदद नहीं मिली है. इस कारण वे लोग खुले में शौच जाते हैं.
वहीं, ग्रामीण संगीता देवी ने बताया कि शौचालय के अभाव में उन्हें खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ता है. बरसात में खेतों में बुआई हो जाने के कारण जंगल की ओर जाना पड़ता है. जिससे हमेशा डर बना रहता है. वहीं, प्रेमचंद सिंह ने कहा कि उनके पिताजी के नाम पर शौचालय निर्माण की राशि आयी थी, लेकिन आज तक बना नहीं है. इस कारण वे लोग खुले में शौच को मजबूर हैं.

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होगा फिर से सर्वे

बिना सभी घरों में शौचालय गांव को ओडीएफ घोषित करने की बात डीसी के संज्ञान में लाया गया. जिसके बाद डीसी जीसान कमर ने कहा कि ऐसे गांव, जहां लोग शौचालय से वंचित हैं, उनका फिर से सर्वे कराया जा रहा है. जिन लोगों को शौचालय अभी तक नहीं मिल पाया है, उनके घर में शौचालय जल्द ही बनवाया जाएगा.

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