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जहां कभी 'लाल सलाम' के गूंजते थे नारे, वहां आज बच्चे देख रहे अफसर बनने का सपना - नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चे बनेंगे अफसर

लातेहार का सरकारी समर्थ आवासीय विद्यालय में ग्रामीण बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ साथ खाने की भी सुविधा दी जा रही है. इस विद्यालय में ऐसे छात्र भी पढ़ रहे हैं, जो कभी नक्सल के चंगुल में थे, लेकिन आज वह उससे आजाद हैं और इस स्कूल ने उसकी जिंदगी में खुशियां भर दी हैं.

education is being given to  children in Samarth residential school in latehar
नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चे बनेंगे अफसर

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Published : Feb 9, 2020, 2:45 PM IST

लातेहार: उग्रवाद प्रभावित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए सरकारी समर्थ आवासीय विद्यालय वरदान साबित हो रहा है. यह स्कूल बच्चों को समर्थ बनाने के साथ-साथ उन्हें नक्सलियों के चंगुल में फंसने से भी बचा रहा है.

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लातेहार के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को अक्सर नक्सली अपने साथ उठाकर ले जाते थे और उन्हें बाल दस्ता में शामिल कर नक्सली गतिविधियों में शामिल करते थे. इससे बच्चों का जीवन बनने से पहले ही बिगड़ जाता था. बच्चों को इस परिस्थिति से बचाने के लिए सरकार ने लातेहार समर्थ आवासीय विद्यालय की स्थापना की. इस विद्यालय के खुलने से नक्सल प्रभावित परिवार के 100 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. स्कूल में नामांकित बच्चे भी अब नक्सलियों के चंगुल से मुक्त होकर अपने उज्जवल भविष्य का सपना देख रहे हैं.

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छात्र सुधन उरांव ने कहा कि पहले गांव में नक्सली आते थे और बच्चों को उठाकर अपने साथ ले जाते थे. इससे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो जाता था, लेकिन यह स्कूल खुलने के बाद वे लोग अच्छी तरह से पढ़ाई करने लगे हैं. सुधन पढ़ लिखकर बड़ा अफसर बनना चाहता है.

वहीं, छात्र चितरंजन सिंह ने बताया कि पहले गांव में हमेशा नक्सलियों का भय बना रहता था, लेकिन अब वह आसानी से पढ़ाई कर पा रहे हैं. चितरंजन शिक्षक बनना चाहता है.

इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक सह वार्डन चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि इस स्कूल में नक्सल प्रभावित परिवार के बच्चों को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा दी जा रही है. उन्होंने बताया कि बच्चों को स्कूल में खाने-पीने के भी पूरी सुविधा दी जाती है. वर्तमान में यहां 100 बच्चे नामांकित हैं. उन्होंने कहा कि लातेहार जैसे नक्सल प्रभावित जिले में यह विद्यालय काफी कारगर साबित हो रहा है.

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